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एसआईटी का बड़ा खुलासा , लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को जानबूझकर दिया गया था अंजाम

 

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

एसआईटी ने हादसे की धाराएं हटा दी हैं। इसकी जगह पर हत्या के प्रयास, अंग भंग, एक राय होकर क्राइम करना व असलहों के दुरुपयोग की धारा बढाई गयी है। विवेचक ने रिमांड फ़ाइल और अदालती मुकदमे में इन धाराओं को बढ़ाने के लिए कोर्ट में एप्लिकेशन दी। जिस पर आज सभी आरोपी कोर्ट तलब किये गए हैं। खास बात है कि एसआईटी ने माना है कि यह क्राइम किसी लापरवाही का नतीजा नहीं, बल्कि जानबूझकर, साजिशन व जान लेने की नीयत से किया गया अपराध है।

तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुए बवाल में चार किसानों समेत 5 की मौत हुई थी। इस मामले में देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष समेत 13 आरोपी जेल में बन्द हैं। आशीष की जमानत पर हाइकोर्ट में सुनवाई चल रही है। एसआईटी ने हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इस बीच विवेचना के दौरान धाराओं में बदलाव कर दिया गया है।

सहायक अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि तिकुनिया कांड के विवेचक विद्याराम दिवाकर की ओर से आरोपियों के रिमाण्ड पर धाराएं बढ़ाने के लिए अर्जी दी गई है। विवेचक दिवाकर ने विवेचना के दौरान पहले से दर्ज कुछ धाराएं हटाने और मुकदमे में नई धाराएं बढ़ाने की रिमांड मांगी है। विवेचक की ओर से मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा समेत सभी 13 आरोपियों पर हत्या, बलवा के साथ धारा 307 जानलेवा हमला, 326 गंभीर चोट पहुंचाने और धारा 34 सामान्य आशय शामिल है।

इसके अलावा शस्त्र अधिनियम की धारा 3/ 25, 30 भी बढ़ाने का प्रार्थनापत्र दिया है। इसके अलावा हादसे से संबंधित धारा 279, 338 व 304 (ए) को हटाया भी गया है। विवेचक ने माना है कि यह घटना लापरवाही से नहीं, बल्कि साजिशन की गई है। सहायक अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि अदालत ने सभी आरोपियों को मंगलवार को जेल से तलब किया है।

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