उत्तर भारत में बारिश और बाढ़ का कहर: जम्मू-कश्मीर से पंजाब तक तबाही

नई दिल्ली। उत्तर भारत के कई राज्य इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में नदियां उफान पर हैं और जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। राहत की बात यह है कि बारिश थम गई है, लेकिन बाढ़ और बुनियादी ढांचे को हुए भारी नुकसान ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
जम्मू-कश्मीर: रिकॉर्ड बारिश, हालात गंभीर
जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों में 380 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो 1910 के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है। उधमपुर में तो 629 मिलीमीटर बारिश ने 2019 का रिकॉर्ड तोड़ दिया।माता वैष्णो देवी मार्ग पर हुए भूस्खलन में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। चिनाब नदी अब भी खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि तवी नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है।
बीएसएफ कैंप बाढ़ में फंसा
जम्मू रीजन में कई हाईवे और पुल बह गए हैं। पीरखो, आर.एस.पुरा, गुज्जरनगर और अखनूर जैसे इलाके जलमग्न हैं। अखनूर के परगवाल में BSF का कैंप बाढ़ की चपेट में आ गया। जवानों को स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीमों ने बोट और ट्यूब्स की मदद से बाहर निकाला। वहीं, जम्मू-श्रीनगर हाईवे जगह-जगह टूटा पड़ा है और रामबन में ट्रकों की लंबी कतार लगी है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का दौरा
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और तवी नदी पर बने फोर्थ ब्रिज का निरीक्षण किया, जिसका एक हिस्सा ढह गया है। उन्होंने कहा कि “2014 की आपदा में भी यही पुल गिरा था, हमें अतीत से सबक लेना होगा।” प्रशासन ने अब तक 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
पंजाब में रावी, सतलज और ब्यास का कहर
जम्मू और हिमाचल से आने वाला बाढ़ का पानी अब पंजाब में तबाही मचा रहा है। पॉन्ग, भाखड़ा और रणजीत सागर डैम से छोड़े गए पानी के कारण हालात और बिगड़ गए हैं। गुरदासपुर, कपूरथला, तरनतारन और होशियारपुर जिले बुरी तरह प्रभावित हैं।
पठानकोट में रावी नदी का उफान इतना बढ़ा कि जम्मू-पठानकोट हाईवे डूब गया और यातायात रोकना पड़ा।
कठुआ और सीमा क्षेत्र में तबाही
कठुआ और पंजाब सीमा पर बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया। माधोपुर में CRPF कैंप पानी में डूब गया। सेना के हेलिकॉप्टरों ने 22 जवानों और 3 नागरिकों को सुरक्षित निकाला, जिस इमारत से उन्हें निकाला गया, वह कुछ ही देर बाद नदी में समा गई।गुरदासपुर के नवोदय विद्यालय में 400 बच्चे और 70 शिक्षक फंस गए थे। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सभी को सुरक्षित निकाला। वहीं, डेरा बाबा नानक में धूसी बांध टूटने से करतारपुर कॉरिडोर के पास कई गांव डूब गए। हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है।
सेना और वायुसेना का रेस्क्यू ऑपरेशन
राहत कार्यों के लिए चिनूक और MI-17 हेलिकॉप्टर लगातार उड़ान भर रहे हैं। सी-130 और IL-76 विमान से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित गांवों में बचाव कार्य में जुटी हैं।
रेल और सड़क यातायात ठप
जम्मू पहुंचने वाले सभी रास्ते बंद हैं। रेल यातायात पूरी तरह से प्रभावित है। जम्मू-कटरा रूट पर एक पैसेंजर ट्रेन 24 घंटे तक ट्रैक पर फंसी रही। उत्तरी रेलवे ने 45 ट्रेनें रद्द और 25 को शॉर्ट टर्मिनेट किया है। कटरा में फंसे यात्रियों को खाने-पीने और पैसों की किल्लत झेलनी पड़ रही है।