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महाकुम्भ में स्वच्छता के गढ़े जा रहे नए प्रतिमान, 14 हजार मीट्रिक टन सॉलिड वेस्ट हुआ निस्तारित

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ में स्वच्छता के नए प्रतिमान स्थापित कर रही योगी सरकार के कुशल प्रबंधन में अब तक 14 हजार मीट्रिक टन सॉलिड वेस्ट को सकुशल निस्तारित किया जा चुका है। सीएम योगी के स्वच्छ महाकुम्भ के विजन को धरातल पर उतारते हुए मेला प्रशासन स्वच्छता प्रबंधन में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। महाकुम्भ मेला क्षेत्र की स्वच्छता प्रमुख ने जानकारी देते हुए बताया कि जब से मेला प्रारंभ हुआ है तबसे लाखों की संख्या में श्रद्धालुगण निवासरत हैं, जबकि प्रतिदिन करोड़ों की संख्या में देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। ऐसे में, स्वच्छता के उच्च प्रतिमानों को स्थापित करते हुए प्रतिदिन के आधार पर इसे पूरा करने पर मेला प्रशासन का फोकस है।

सैनिटेशन प्लान से हो रहा कूड़े का प्रबंधन

स्वच्छता प्रमुख (विशेष कार्याधिकारी) अकांक्षा राणा के अनुसार, यहां जितने भी लोग स्नान करते हैं उनकी धारणा है कि स्नान करने के बाद कपड़ों को घाट पर ही छोड़कर नए वस्त्र धारण करके जाते हैं। इसके साथ ही साथ यहां पर बड़े स्तर पर भंडारे चलते हैं, फूड जोन हैं और लोग पैदल चलते हैं तो कचरा काफी रहता है। ऐसे में, इस कचरे का निस्तारण रोजमर्रा की एक बड़ी चुनौती है। उल्लेखनीय है कि इस कार्य को पूरा करने के लिए मेला जब प्रारंभ हुआ था उसी समय एक सैनिटेशन प्लान बनाया था उसमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के परिदृश्य को देखते हुए कुछ बिंदू रखे थे। सबसे पहले 120 टिप्पर्स व कॉम्पैक्टर्स क्रय किए गए थे। 25 हजार डस्टबिन भी क्रय किए गए थे जिसके जरिए प्रत्येक 50 मीटर पर डस्टबिन को रखा गया। इसमें लाइनर बैग लगाए जाते हैं जिसे प्रत्येक दिन 3 बार बदला जाता है। टिप्पर्स तथा ट्रॉली के माध्यम से कूडे को ट्रांसफर स्टेशन में भेजा जाता है। ट्रांसफर स्टेशन में यह सारा कूड़ा कॉम्पैक्टर में भर कर नगर निगम द्वारा संचालित वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में प्रोसेसिंग होती है।

बसवार ट्रीटमेंट प्लांट में हो रही कूड़े की प्रोसेसिंग

आंकड़ों के अनुसार, अभी तक 14 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा वेस्ट को इकट्ठा कर बसवार ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जा चुका है। 2019 से इसकी तुलना करें, तो यह 9 मीट्रिक टन था। जबकि, इस बार महाकुम्भ में कुल मिलाकर 20 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा सॉलिड वेस्ट जेनरेशन का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि अत्याधुनिक आईसीटी-आधारित निगरानी प्रणाली को रीयल टाइम ट्रैकिंग के आधार पर मोबाइल बेस्ड एप द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसमें सभी सार्वजनिक शौचालयों को क्यूआर कोड को स्कैन कर रखरखाव को सुनिश्चित किया जा रहा है। वहीं, स्वच्छाग्रहियों (स्वच्छता स्वयंसेवकों) ने इस ऐप के जरिए क्यूआर कोड स्कैन कर फीडबैक अपलोड किए जिसे कंट्रोलरूम द्वारा मॉनिटर कर समाधान उपलब्ध कराया जा रहा है। प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने 5 करोड़ रुपये मूल्य की पर्यावरण अनुकूल वस्तुएं (दोना पत्तल, कुल्हड़, जूट के थैले, कागज के गिलास) अखाड़ों, संस्थाओं और भंडारों में वितरित की हैं। वहीं, बैनर और होर्डिंग्स के लिए प्लास्टिक मुक्त ब्रांडिंग शुरू की गई तथा बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को प्रोत्साहित करने के लिए सख्त कदम उठाए गए।

मॉडिफाइड एड्वांस्ड ऑक्सिडेशन तकनीक के जरिए मेंटेन की जा रही हाइजीन

मेला क्षेत्र में हाइजीन को मेंटेन करने और साफ-सफाई को सुनिश्चित करने के लिए मॉडिफाइड एडवांस ऑक्सिडेशन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है जो गंधरहित प्रबंधन प्रक्रिया का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त, क्लीनिंग एजेंट्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इस क्रम में, 39 हजार किग्रा मैलेथियन डस्ट, 70 हजार लीटर फिनायल कॉन्सन्ट्रेट, 1600 किग्रा से अधिक नेप्थलीन बॉल्स, 3.5 लाख किग्रा ब्लीचिंग पाउडर, 70.8 हजार लीटर से ज्यादा एसिड, हार्पिक तथा गंध नियंत्रण के लिए 95.85 लीटर सॉल्यूशन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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