गुजरात चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, ट्वीट कर दी जानकारी
गुजरात में इस साल अंत में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. हार्दिक ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया. इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी.
मेरे निर्णय का स्वागत करेंगे साथी: हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने ट्वीट कर कहा, ‘आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी. मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा.’
विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है कांग्रेस: हार्दिक
सोनिया गांधी को लिखे पत्र में हार्दिक पटेल (Hardik Patel Letter to Sonia Gandhi) ने कहा कि अनेक प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी द्वारा देशहित एवं समाज हित के बिल्कुल विपरीत कार्य करने के कारण कुछ बातें आपके ध्यान में लाना बहुत आवश्यक हो गया है. उन्होंने आगे लिखा, ‘यह 21वीं सदी है और भारत विश्व का सबसे युवा देश है. देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व चाहते हैं. पिछले लगभग 3 सालों में मैंने यह पाया है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है, जबकि देश के लोगों को विरोध नहीं, एक ऐसा विकल्प चाहिए जो उनके भविष्य के बारे में सोचता हो, देश को आगे ले जाने की क्षमता रखता हो.’
हर राज्य की जनता ने कांग्रेस को रिजेक्ट किया: हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने आगे कहा, ‘अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर हो, CAA-NRC का मुद्दा हो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना हो अथवा जीएसटी लागू करने जैसे निर्णय हों, देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनने का काम करती रही. भारत देश हो, गुजरात हो या मेरा पटेल समाज हो; हर मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड सिर्फ केंद्र सरकार का विरोध करने तक ही सीमित रहा. कांग्रेस को लगभग देश के हर राज्य में जनता ने रिजेक्ट इसीलिए किया है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी और पार्टी का नेतृत्व जनता के समक्ष एक बेसिक रोडमैप तक प्रस्तुत नहीं कर पाया.’
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में गंभीरता की कमी: हार्दिक पटेल
अपनी चिट्ठी में हार्दिक पटेल ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है. मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी चीजों पर रहा. जब भी देश संकट में था अथवा कांग्रेस को नेतृत्व की सबसे ज्यादा आवश्यकता थी, तो हमारे नेता विदेश में थे. शीर्ष नेतृत्व का बर्ताव गुजरात के प्रति ऐसा है, जैसे कि गुजरात और गुजरातियों से उन्हें नफरत हो. ऐसे में कांग्रेस कैसे अपेक्षा करती है कि गुजरात के लोग उन्हें विकल्प के तौर पर देखेंगे?’
गुजरातियों का अपमान करती है कांग्रेस: हार्दिक
हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने चिट्ठी आगे कहा, ‘दुख होता है जब हम जैसे कार्यकर्ता अपनी गाड़ी से अपने खर्च पर दिन में 500-600 किलोमीटर तक की यात्रा कर हैं, जनता बीच जाते हैं और फिर देखते हैं कि गुजरात के बड़े नेता जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए हुए नेता को उनका चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं. युवाओं के बीच मैं जब भी गया तो सभी ने एक ही बात कही कि आप ऐसी पार्टी में क्यों हो, जो हर प्रकार से गुजरातियों का सिर्फ अपमान ही करती है, चाहे वह उद्योग के क्षेत्र में हो, चाहे धार्मिक क्षेत्र में हो, चाहे राजनीति के क्षेत्र से हो. मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने युवाओं का भी भरोसा तोड़ा है, जिसके कारण आज कोई भी युवा कांग्रेस के साथ दिखना भी नहीं चाहता.’
‘गुजरात के लिए कुछ अच्छा नहीं करना चाहती कांग्रेस’
सोनिया गांधी को लिखे पत्र में हार्दिक पटेल ने कहा, ‘मुझे बड़े दुःख के साथ कहना पड़ता है कि आज गुजरात में हर कोई जानता है कि किस प्रकार कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जानबूझकर गुजरात की जनता के मुद्दों को कमजोर किया है और इसके बदले में स्वयं बड़े आर्थिक फायदे उठाए हैं. राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का इस प्रकार बिक जाना प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘राजनीति में सक्रिय हर व्यक्ति का धर्म होता है कि जनता के लिए कार्य करता रहे, लेकिन अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी गुजरात की जनता के लिए कुछ अच्छा करना ही नहीं चाहती. इसीलिए जब मैं गुजरात के लिए कुछ करना चाहता था तो पार्टी ने सिर्फ मेरा तिरस्कार ही किया. मैंने सोचा नहीं था कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व हमारे प्रदेश, हमारे समाज और विशेष तौर पर युवाओं के लिए इस प्रकार का द्वेष अपने मन में रखता है.’