यूपी ने गन्ना भुगतान में पिछली सरकारों को छोड़ा कोसों दूर, गेहूं, धान, तिलहन, दलहन खरीद में भी बनाए रिकार्ड
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से गेहूं, गन्ना, धान, दलहन-तिलहन की खरीद के नए रिकार्ड स्थापित किये हैं। पिछली सरकारों में किसान अपनी उपज की सही कीमत के लिए तरसता था और छला जाता था। योगी सरकार के वर्ष 2017 में सत्ता में आने के बाद उसको समय पर भुगतान मिलना शुरु हुआ। हाशिऐ पर रहने वाला किसान समृद्ध बनने लगा। उसकी फसल की सही कीमत लगने लगी। विक्रय केन्द्र भी उसके खेतों के करीब पहुंच गये। खरीद प्रक्रिया सरल होने के साथ उनको अत्याधुनिक सुविधाएं भी मिलना शुरु हुईं। खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और बिचौलियों के हस्तक्षेप को दूर करने में भी सरकार कामयाब रही। इन प्रयासों से किसानों की आय में लगातार वृद्धि हुई है।
कृषि एवं किसानों का हित सर्वोपरि लेकर चलने वाली योगी सरकार में गन्ना और चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान बनाया। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में आज तक कुल 433.86 लाख मी. टन खाद्यान्न की सरकारी खरीद की है। 78,23,357 से अधिक किसानों को 78,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया है। किसानों को 3 लाख 92 हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण का भुगतान करने के साथ 36 हजार करोड़ रुपए से 86 लाख किसानों का ऋण भी माफ किया है।
गन्ना भुगतान में पिछली सरकारों को छोड़ा कोसों दूर
राज्य सरकार ने 19 मार्च 2017 के बाद से आज तक 45.74 लाख किसानों को 1.43 हज़ार करोड़ रुपये गन्ना खरीद का भुगतान किया है। जबकि समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में वर्ष 2012-2017 तक केवल 33 लाख किसानों को 95,215 करोड़ रुपये और वर्ष 2007 से 2012 में बहुजन समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में 30 लाख किसानों को मात्र 52,131 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया था।
गेहूं, धान, तिलहन, दलहन खरीद में भी बनाए रिकार्ड
राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीद में भी नया रिकॉर्ड कायम किया है। मौजूदा सत्र 2021-22 के दौरान प्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 12.98 लाख किसानों से 56.41 लाख मीट्रिक गेहूं की खरीद की है। जो अब तक की सबसे अधिक खरीद है। धान खरीद में भी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 171.36 लाख मी. टन का रिकार्ड उत्पादन किया है। जबकि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में केवल 138.40 मी.टन धान खरीद ही की जाती थी। उधर, वर्ष 2019-2020 में सर्वाधिक तिलहन उत्पादन के लिए राज्य सरकार को किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 2.00 करोड़ रुपये का कृषि कर्मण पुरस्कार भी प्रदान किया है। दलहन में भी सरकार ने 2020-21 में अब तक का सर्वाधिक 29.38 लाख मी. टन रिकार्ड उत्पादन किया है।
पिछली सरकारों के मुकाबले खरीद प्रक्रिया को बनाया सरल
राज्य सरकार ने वर्ष 2017-18 से आढ़तियों, कमीशन एजेण्ट के माध्यम से खरीद समाप्त करते हुए सीधे कृषकों से खरीद करने का निर्णय लिया । किसानों के खाद्यान्न को सरल ढंग से खरीदने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग ने एनआईसी के माध्यम से ई-उपार्जन पोर्टल का निर्माण किया। सरकार के प्रयास से किसान स्वयं अपने खाद्यान्न की बिक्री करने के लिए पंजीकरण करने लगे हैं। इससे बिचौलियों पर अंकुश लगा और किसानों को मिलने वाला लाभ सीधे मिलना शुरु हुआ। महिला किसानों से प्राथमिकता के आधार पर उनकी फसल को खरीदा गया है।