केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फेक न्यूज से निपटने के लिए डिजिटल मीडिया में जवाबदेही की आवश्यकता पर दिया जोर
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल मीडिया के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित हुए पारंपरिक मीडिया को रेस में टिके रहने के लिए मुआवजे पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया ने उस पारंपरिक मीडिया को आर्थिक रूप से प्रभावित किया है, जो पत्रकारिता की अखंडता और संपादकीय प्रक्रियाओं में भारी निवेश करता है।
भारतीय प्रेस परिषद की ओर से शनिवार को यहां नेशनल मीडिया सेंटर में राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने फेक न्यूज से निपटने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए डिजिटल मीडिया में जवाबदेही की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करने के लिए समाधान तैयार करने होंगे कि उनके सिस्टम का हमारे समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा,“हमें इन संघर्षों को नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि इतिहास खुद को दोहराता है और जो लोग इतिहास को भूल जाते हैं, उन्हें फिर से उन्हीं चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया।”
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत में एक जीवंत प्रेस है। यह मुखर है। इसमें हर तरफ की राय होती है। कुछ बहुत मजबूत हैं। कुछ मध्यमार्गी हैं। उन्होंने कहा कि देश में 35,000 से अधिक रजिस्टर्ड दैनिक समाचार पत्र हैं। हजारों समाचार चैनल हैं। और तेजी से फैल रहा डिजिटल इकोसिस्टम मोबाइल और इंटरनेट के जरिए करोड़ों नागरिकों तक पहुंच रहा है।