अहमदाबाद ब्लास्ट केस में बड़ा फैसला, 49 में 38 को मिली फांसी की सजा, 11 को उम्रकैद
गुजरात के अहमदाबाद में 2008 के सीरियल ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने 49 दोषियों के लिए सजा का ऐलान करते हुए 38 को फांसी और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही घायलों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया है। बम धमाका प्रकरण में 13 साल बाद आए फैसले में विशेष न्यायाधीश ए आर पटेल ने 7 हजार 15 पेज का जजमेंट सुनाया।
26 जुलाई 2008 को 21 ठिकानों पर हुए बम धमाकों में 70 मिनट के भीतर 56 की मौत हुई थी और 260 के करीब लोग जख्मी हुए थे। ये बम धमाके इंडियन मुजाहिदीन ने 2002 में गोधरा कांड का बदला लेने के लिए किए थे। अदालत में कुल 77 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चला और उनमें 49 को दोषी पाया गया जबकि 28 सबूतों के अभाव में बरी हो गए। बता दें कि अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट से सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी। वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील कोर्ट की थी। अदालत ने बम धमाकों में मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख, घायलों को 50 50 हजार तथा मामूली रूप से जख्मी हुए लोगों को 25-25 हजार का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
यह दिल दहला देने वाली घटना 26 जुलाई 2008 को घटी थी। 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए 21 सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इन धमाकों की गूंज से हर कोई स्तब्ध था। उस दौरान प्रदेश के मौजूदा डीजीपी आशीष भाटिया के नेतृत्व में तेज तर्रार अधिकारियों की टीम बनाई गई थी। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अहमदाबाद पहुंचे थे। बता दें कि 28 जुलाई 2008 को विस्फोट मामले की जांच के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया था। महज 19 दिनों के अंदर पुलिस ने 30 आतंकियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद बाकी आतंकियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। अहमदाबाद में हुए इन धमाकों से पहले आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था