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उत्तराखंड: नाबालिग से दुष्कर्म की कोशिश हुई नाकाम तो दरिंदे ने कर दी बेहद बुरी हालत

हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी के राजपुरा गेट के करीब गौला नदी में 12 साल की बालिका से दुष्कर्म की कोशिश की गई। नाकाम होने पर दरिंदे ने पत्थर से सिर कुचलकर उसकी हत्या करने का प्रयास किया। उसने पत्थर से बालिका का जबड़ा तोड़ दिया। सिर पर कई हमले किए और उसे मरा समझकर फरार हो गया।

बकरी चरा रहे दंपती ने झाड़ियों में बालिका को लहूलुहान पड़े देखा, इस पर युवाओं की मदद से पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने उसे एसटीएच में भर्ती कराया। हल्द्वानी के कोतवाली क्षेत्र में रहने वाला एक व्यक्ति इन दिनों अपने घर के निर्माण में लगा है।

बताया जा रहा है कि वह निर्माण कार्य के लिए मंगलवार सुबह गौला नदी से रेता निकालने गया था। उसे लौटने में देरी हुई तो पत्नी ने 12 साल की बेटी को खाना लेकर पिता के पास भेज दिया। घर से दूर पिता के लिए खाना लेकर निकली बालिका वहां पहुंची ही नहीं।

इधर, जब पिता घर पहुंचा और पत्नी ने बेटी के बारे में पूछा तो आनन-फानन पिता अपने साले को लेकर उसकी तलाश में निकल पड़ा। गौला नदी किनारे जंगल के पास बकरी चरा रही माया और उसके पति सुरेश कश्यप ने बताया कि एक लड़की लहूलुहान हालत में झाड़ियों में पड़ी थी जिसे पुलिस सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय ले गई है।

वे वहां से एसटीएच पहुंच गए। तब तक चिकित्सकों की टीम ने लड़की का परीक्षण शुरू कर दिया था। पता चला कि पत्थर से लड़की के चेहरे पर वार किया गया है जिससे उसका जबड़ा टूट गया है। होंठ से ठुड्डी तक और सिर के पीछे गहरे घाव हैं। इधर, डाॅक्टर बालिका की हालत खतरे से बाहर, लेकिन नाजुक बता रहे हैं।

नैनीताल के एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया बालिका को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शायद डर की वजह से वह बार-बार बयान बदल रही है। मौके पर डॉग स्क्वायड को भेजा गया है। साथ ही सीओ को पूरे मामले की गहन छानबीन के लिए कहा है।

मौके पर ही पड़ा था खाना और पानी, गुटखे की पीक के मिले निशान

राजपुरा गेट से उत्तर की तरफ करीब एक किलोमीटर दूर नदी की ओर जंगल किनारे झाड़ियों में नाबालिग लहूलुहान पड़ी थी। मौके पर पानी की बोतल, पॉलीथिन में खाने का डिब्बा और नमकीन पड़ी थी। यह जगह पैदल कच्चे रास्ते से करीब 150 मीटर दूर जंगल की ओर है। उधर, घटनास्थल के पास गुटखे की पीक के निशान पाए गए हैं।

सिर पर गहरी चोट की आशंका

नाबालिग लड़की के चेहरे और सिर पर इस कदर वार किए गए थे कि वह सही से बात नहीं कर पा रही है। पुलिस जब उसे अस्पताल लेकर पहुंची तो उसने खुद ही अपना और पिता का नाम बताया। उसके सिर में गहरी चोट का भी अंदेशा जताया जा रहा है।

माया ने बकरी को बुलाया तो संध्या की आवाज आई…बचाओ

राजपुरा में कुष्ठ आश्रम के पास रहने वाली माया और उसका पति बकरियां चराने गए थे। इस दौरान माया ने बकरियों को जब आवाज लगाई तो घायल लड़की ने तीन बार बचाओ-बचाओ की गुहार लगाई। माया की मानें तो बकरियां चराते वक्त जंगल की ओर चली गई थी। बकरियां जंगल में गुम न हो जाएं, इस पर उन्होंने बकरियों को बुलाने के लिए आओ की आवाज लगाई। इस बीच जंगल किनारे झाड़ियों से बचाओ की आवाज आई। माया घबरा गईं। उन्होंने अपने पति को वहां भेजा।

सुरेश ने देखा तो वहां लहूलुहान बालिका पड़ी थी। तभी क्रिकेट खेलने जा रहे पंकज, संतोष, संजय और सौरभ अपने साथियों के साथ गुजर रहे थे। माया ने उन्हें रोका और मदद मांगी। लड़के मौके पर गए, लेकिन इस डर से उन्होंने संध्या की मदद नहीं की कि कहीं वे पुलिस के चक्कर में न फंस जाए। इस पर पंकज ने अपने दो साथियों को मौके पर छोड़ा और अन्य दो साथियों के साथ राजपुरा चौकी पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद एक कट्टे से उठाकर लड़की को अस्पताल ले जाया गया।

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