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मदरसों को लेकर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड और मदरसा बोर्ड आमने-सामने; जानें पूरा मामला

देहरादून। उत्तराखंड में चल रहे मदरसों को लेकर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड और मदरसा बोर्ड आमने सामने आ गए हैं। राज्य में 117 मदरसे ऐसे हैं। जिनकी भूमि वक्फ बोर्ड की है। जबकि 415 मदरसे सिर्फ मदरसा बोर्ड में पंजीकृत हैं। इसके अलावा कुछ अन्य मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं।

मदरसा बोर्ड चाहता है कि मदरसों को उत्तराखंड बोर्ड के समकक्ष मान्यता दी जाए। पिछले 12 साल से मान्यता का यह मामला चल रहा है। वक्फ बोर्ड प्रदेश में चंदे से ली गई मदरसों की जमीन को वक्फ बोर्ड में शामिल करना चाहता है। बोर्ड ने सरिया कानून का हवाला देते हुए मामले में सीएम को पत्र लिखा है। जबकि मदरसा बोर्ड चाहता है कि मदरसों को उत्तराखंड बोर्ड के समकक्ष मान्यता दी जाए। पिछले 12 साल से मान्यता का यह मामला चल रहा है।

मदरसा बोर्ड का कहना है जो चीजें पहले से चल रही हैं उन्हें आगे बढ़ाया जाना चाहिए। जबकि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का कहना है कि प्रदेश में जितने भी मदरसे, दरगाह,कब्रिस्तान और मस्जिद चंदे के पैसे से बनाए गए हैं। उसे वक्फ बोर्ड से पंजीकृत किया जाए।

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