एयर फोर्स डे पर वायु सेना को मिला नया झंडा; PM मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व अन्य ने दी बधाई
प्रयागराज। भारतीय वायु सेना ने आज रविवार सुबह प्रयागराज के बमरौली वायु सेना स्टेशन पर औपचारिक परेड के साथ 91वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत की। वायु सेना की 91वीं वर्षगांठ पर रविवार को एक और नया अध्याय जुड़ गया है। आज भारतीय वायुसेना को नया झंडा मिला है। यह बदलाव 72 वर्ष बाद किया गया है। वायु सेना अध्यक्ष चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने परेड के दौरान झंडा बदलने के साथ वायु योद्धाओं को शपथ भी दिलाई।
वायु सेना दिवस के अवसर पर वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य ने बल को स्वदेशी क्षमता विकसित करके आयात पर निर्भरता कम करने का अवसर प्रदान किया है। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने विकसित होती वायु शक्ति की बारीकियों को समझने, “शांति बनाए रखने की गति निर्धारित करने और यदि आवश्यक हो, तो युद्ध लड़ने और जीतने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और भारतीय वायुसेना को अपने रास्ते में आने वाली सभी नई चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि इस जटिल और गतिशील रणनीतिक माहौल में, हमारी रणनीति को परिष्कृत करना, मजबूत सर्वांगीण क्षमताओं का निर्माण करना और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भविष्य के युद्धों पर मुकदमा चलाने के लिए एक लचीली मानसिकता विकसित करना निर्णायक साबित होगा।
उन्होंने कहा, ‘वायु और अंतरिक्ष बल बनने की हमारी खोज में, हमें अंतरिक्ष क्षेत्र के महत्व को पहचानना चाहिए और अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं का विकास जारी रखना चाहिए।
वायुसेना प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि वायु सेना बल को उभरते खतरों और चुनौतियों से आसानी से निपटने में सक्षम बनाने के लिए नवाचार हमारे डीएनए का हिस्सा होना चाहिए। हमें अपने संचालन, प्रशिक्षण, रखरखाव और प्रशासन के हर पहलू में खुद को उच्चतम मानकों पर रखना चाहिए।
हमें प्रौद्योगिकी और नवाचार में अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए। हमें तकनीकी श्रेष्ठता बनाने के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान, विकास और अधिग्रहण में निवेश करना चाहिए।
नवाचार इसे हमारे डीएनए का हिस्सा बनना चाहिए, जिससे हम उभरते खतरों और चुनौतियों से आसानी से निपट सकें। परिवर्तन के लिए किसी भी बाधा का स्पष्ट रूप से आकलन करने और उसे संबोधित करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, उन्होंने कहा कि संयुक्त योजना और युद्ध शक्ति का एकीकृत अनुप्रयोग भविष्य के युद्धों के लिए अपरिहार्य होगा।
उन्होंने कहा, ”अद्वितीय रणनीति विकसित करना, यथार्थवादी प्रशिक्षण करना और सीखे गए प्रासंगिक पाठों को शामिल करना बहुत मददगार होगा।
उन्होंने कहा, ”मल्टी-डोमेन ऑपरेशन से लेकर हाइब्रिड युद्ध तक, वायु सेना को यह पहचानने की जरूरत है कि आधुनिक युद्ध पारंपरिक सीमाओं से परे है। हमें युद्ध क्षेत्र पर हावी होने के लिए वायु, अंतरिक्ष, साइबर और जमीनी क्षमताओं को सहजता से एकीकृत करना होगा।’
उन्होंने कहा कि पिछले नौ दशकों में, भारतीय वायुसेना लगातार विकसित हुई है और दुनिया की सबसे बेहतरीन वायु सेनाओं में से एक में तब्दील हो गई है। “लेकिन क्या यह पर्याप्त है? यदि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है, तो 2032 में जब हम 100 वर्ष पूरे करेंगे, तब तक भारतीय वायुसेना को सर्वश्रेष्ठ में से एक होना चाहिए।
PM मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह और सीएम योगी ने दी बधाई
PM नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को 91वें वायु सेना स्थापना दिवस पर सभी भारतीय वायु सेना कर्मियों को शुभकामनाएं दीं।
PM नरेंद्र मोदी ने X पर पर लिखा, वायु सेना दिवस पर सभी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को शुभकामनाएं। भारत को भारतीय वायुसेना की वीरता, प्रतिबद्धता और समर्पण पर गर्व है। उनकी महान सेवा और बलिदान यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारा आसमान सुरक्षित है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने X पर पर लिखा अपने फौलादी पंखों और साहस के दिल के साथ, भारतीय वायु सेना ने युद्ध और शांति के दौरान देश के हितों की रक्षा की है। इस शुभ अवसर पर, मैं राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए उनके द्वारा की गई अमूल्य सेवा और बलिदानों को याद करता हूं।
उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ने X पर पर लिखा @IAF_MCC के वीर योद्धाओं और उनके परिजनों को ‘भारतीय वायु सेना दिवस’ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! माँ भारती के वीर सपूतों ने वीरता, साहस और पराक्रम का जो स्वर्णिम इतिहास रचा है, उस पर हम सभी को गर्व है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत माता के वीर सपूतों ने जो शौर्य, साहस और पराक्रम रचा है। जय हिंद!
वायु सेना दिवस भारतीय वायु सेना (IAF) को देश के सशस्त्र बलों में आधिकारिक रूप से शामिल करने का प्रतीक है, जिसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी।
हर साल यह दिन भारतीय वायु सेना प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में मनाया जाता है। वायु सेना को आधिकारिक तौर पर 1932 में यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फ़ोर्स की सहायक सेना के रूप में स्थापित किया गया था और पहला ऑपरेशनल स्क्वाड्रन 1933 में बनाया गया था।
1951 में वायु सेना का ध्वज बनाया गया था
पुराने झंडे को उतारने के बाद मध्य वायु कमान के संग्रहालय में उसे सुरक्षित रखा जाएगा। इससे पहले भारतीय नौसेना के झंडे में भी बदलाव किया जा चुका है। स्वतंत्रता के बाद 1951 में वायु सेना का ध्वज बनाया गया था। वर्तमान ध्वज नीले रंग का है। इसमें ऊपर बाएं कोने पर तिरंगा है, जबकि दाएं कोने पर नीचे वायु सेना का गोल निशान है।
झंडे में हुए हैं ये बड़े बदलाव
गोल आकृति को हटाया गया है जो अंग्रेजों के दौर में भी थी। इसे हटाकर भारत को प्रतिबिंबित करने वाला ध्वज बनाया गया है। नया ध्वज भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रकट करेगा।
नए ध्वज में शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक की लाट पर सिंह अंकित है और उसके नीचे देवनागरी में सत्यमेव जयते शब्द है। सिंह के नीचे हिमालयी ईगल है, जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के गुणों को दर्शाता है।
हल्के नीले रंग का वलय हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है भारतीय वायु सेना। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य ‘नभ: स्पृशं दीप्तम्’ (Touch The Sky With Glory) हिमालयी ईगल के नीचे देवनागरी के सुनहरे अक्षरों में अंकित है।