चीन में कूटनीतिक चाल: मोदी-पुतिन-शी मुलाकात से अमेरिका में बेचैनी, अब दिखा डैमेज कंट्रोल

बीजिंग में सोमवार को एक अहम कूटनीतिक घटनाक्रम हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। तीनों वैश्विक नेताओं की यह बैठक ऐसे समय पर हुई है, जब अमेरिका की चीन, रूस और भारत के साथ व्यापारिक और सामरिक तनातनी चरम पर है। इस मुलाकात ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई सुर्खियां बटोरी हैं और अमेरिका की रणनीतिक चिंताओं को और गहरा कर दिया है।
इसी बीच, भारत में अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की, जो संकेत देता है कि वाशिंगटन अब अपने हालिया कदमों पर पुनर्विचार कर रहा है। पोस्ट में लिखा गया है,संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है, जो 21वीं सदी का एक निर्णायक रिश्ता है। इस महीने, हम उन लोगों, प्रगति और संभावनाओं पर प्रकाश डाल रहे हैं जो हमें आगे बढ़ा रहे हैं। नवाचार और उद्यमिता से लेकर रक्षा और द्विपक्षीय संबंधों तक, यह हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच की स्थायी मित्रता ही है जो इस यात्रा को ऊर्जा प्रदान करती है।
इस पोस्ट में हैशटैग #USIndiaFWDforOurPeople भी शामिल किया गया और लोगों से इसका हिस्सा बनने की अपील की गई।इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री *मार्को रूबियो* का बयान भी साझा किया गया, जिसमें उन्होंने कहा,भारत और अमेरिका के लोगों के बीच गहरी दोस्ती हमारे संबंधों का आधार है। यह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है, क्योंकि हम अपने आर्थिक संबंधों की अपार संभावनाओं को साकार करते हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया था। वहीं, चीन और रूस पहले से ही अमेरिकी आर्थिक और सामरिक दबाव झेल रहे हैं। ऐसे में बीजिंग में मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की यह मुलाकात न केवल त्रिपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है, बल्कि अमेरिका के लिए एक कूटनीतिक संदेश भी है।