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इंडोनेशिया में 6.5 तीव्रता का भूकंप, जमीन से 110 किमी की गहराई पर स्थित था केंद्र

इंडोनेशिया के दक्षिणपूर्वी हिस्से में सोमवार सुबह तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.5 मापी गई। यह झटका तानिम्बार द्वीप क्षेत्र में आया, जिसका केंद्र जमीन के भीतर लगभग 110 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) और अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने भी भूकंप की पुष्टि की है। फिलहाल जान-माल के किसी नुकसान की खबर नहीं है।

इंडोनेशिया में लगातार भूकंपीय गतिविधियों की खबरें सामने आ रही हैं। 12 जुलाई को सुमात्रा के निआस सेलाटन इलाके में 5.3 तीव्रता का झटका दर्ज किया गया था। जुलाई के पहले 14 दिनों में यहां पांच बार भूकंप आ चुका है, जिनकी तीव्रता 4.0 से 6.0 के बीच रही।

भूकंप की बार-बार आने वाली घटनाएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि इंडोनेशिया एक अत्यंत संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र है। यह देश प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के कारण अक्सर भूकंप और ज्वालामुखीय विस्फोट होते हैं। विशेष रूप से सुमात्रा, जावा, सुलावेसी और मलूकु जैसे क्षेत्र अधिक जोखिम में रहते हैं। समुद्र के अंदर उथली गहराई में आए भूकंप कभी-कभी सुनामी का खतरा भी पैदा कर सकते हैं।

दिल्ली-NCR भी भूकंपीय खतरे की जद में

वहीं भारत की राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भी हाल के दिनों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। 10 जुलाई की सुबह 4.4 तीव्रता का भूकंप हरियाणा के झज्जर जिले में दर्ज किया गया, जिसकी वजह से दिल्ली-NCR में कुछ सेकंड तक झटके महसूस हुए। अगले दिन 11 जुलाई की शाम को फिर 3.7 तीव्रता का झटका आया, जिसका केंद्र एक बार फिर झज्जर रहा।

इससे पहले 17 फरवरी और 8 जून को भी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हल्के भूकंप दर्ज किए गए थे। दिल्ली सिस्मिक ज़ोन-IV में आता है, जहां मध्यम से तीव्र भूकंप की संभावना बनी रहती है। राजधानी क्षेत्र हिमालयी टेक्टोनिक गतिविधियों के प्रभाव में है, जो इसे भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील बनाता है।

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