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“सिकल सेल पर भी नक्सल ऑपरेशन की तरह काम करने की जरूरत” – सीएम हेमंत सोरेन

रांची। झारखंड के कई जिले सिकल सेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी से प्रभावित हैं। इसको लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लिया और सिकल सेल से पीड़ित लोगों से बातचीत की। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, यूनिसेफ के प्रतिनिधि, वरिष्ठ चिकित्सक, मुख्य सचिव अलका तिवारी समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में हिन्दपीढ़ी निवासी सिकल सेल मरीज अब्दुल हकीम ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि इस बीमारी में अत्यधिक थकान होती है, चलने-फिरने में परेशानी होती है और हीमोग्लोबिन की कमी के कारण अक्सर ब्लड चढ़वाना पड़ता है। कई बार अस्पताल में ब्लड नहीं मिल पाता, ऐसे में ब्लड डोनर खोजने की मजबूरी होती है। हकीम ने बताया कि पहले उन्हें बुखार हुआ, जांच में मलेरिया की पुष्टि हुई और फिर आगे की जांच में सिकल सेल की पहचान हुई।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव सुनील कुमार ने बताया कि राज्य में करीब एक हजार से अधिक लोग सिकल सेल से ग्रसित हैं। आंकड़ों के अनुसार हर 1300 व्यक्तियों में से एक में इसके लक्षण पाए जाते हैं। सबसे अधिक मामले रांची, गुमला, सिमडेगा और चाईबासा जिलों में सामने आए हैं। रांची में 1300, गुमला में 400 मरीज हैं। यह बीमारी आदिवासी और जनजातीय इलाकों में अधिक पाई जाती है। मलेरिया के बाद इसके संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।

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