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यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और अखिलेश यादव के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग तेज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के दिए गए एक बयान पर सपा की प्रतिक्रिया के बाद सियासी विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में खुद सपा चीफ अखिलेश यादव भी कूद पड़े हैं। उन्होंने शनिवार रात एक लंबी पोस्ट लिखकर ब्रजेश पाठक को नसीहत दी है।

अखिलेश ने रात में ‘X’ पर लिखा- हमने उप्र के उप मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गयी आपकी ‘अति अशोभनीय टिप्पणी’ से आहत होकर अपना आपा खो बैठे। आइंदा ऐसा न हो, हमने उनसे तो ये आश्वासन ले लिया है लेकिन आपसे भी यही आशा है कि आप जिस तरह की बयानबाज़ी निंरतर करते आये हैं उस पर भी विराम लगेगा। आप जिस स्तर के बयान देते हैं वो भले आपको अपने व्यक्तिगत स्तर पर उचित लगते हों लेकिन आपके पद की मर्यादा और शालीनता के पैमाने पर किसी भी तरह उचित नहीं ठहाराये जा सकते हैं ।

क्या बोले बृजेश पाठक

उन्होंने लिखा, ‘आखिर समाजवादी पार्टी के डीएनए वाले सवाल से इतने डरे-सहमे क्यों हुए हैं आप? क्या इसलिए कि इस मुद्दे पर बात होते ही आपकी समाजवादी पार्टी के डीएनए वाला दरवाजा किसी आटोमैटिक सेंसर से खुद ही खुल जाएगा। फिर एक एक कर आपके दौर के माफियाओं की तस्वीरें सामने आएंगी। फिर समाजवादी पार्टी के डीएनए में फलते फूलते आए अतीक और मुख्तार जैसे माफियाओं की छायाएं उभरने लगेंगी। फिर मुज़फ्फरनगर का दंगा फन फुंफकारते हुए आस्तीन से बाहर निकल आएगा। फिर राममंदिर की कारसेवा में हिंदुओं पर चली गोलियों की तड़तड़ाहट की यादें प्रदेश को सन्न कर देगी। फिर कोई अतीक अपनी कब्र से निकलकर ये दावा करने लगेगा कि वो आपके और आपके पिता के बीच सुलह सफाई करवाएगा। फिर गोमती रिवर फ्रंट से करप्शन की बजबजाती गंदगी की बास आने लगेगी। फिर खनन घोटाले की फाइलें अलमारियों से निकलकर घर घर के चक्कर लगाने लगेंगीं।’

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