कैसे एक कांस्टेबल बना करोड़पति, जानें इस काले धन के पीछे का सच
भोपाल। भोपाल के मिंडोरा इलाके में एक लावारिस कार में बड़ी मात्रा में नकद और कीमती सामान मिलने से प्रशासन में हड़कंप मच गया. इनकम टैक्स और पुलिस की टीम ने जब कार की जांच की तो उसमें करीब 40 किलो सोना, ढाई सौ किलो चांदी और 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद हुई. बताया जा रहा है कि ये गाड़ी ग्वालियर में रजिस्टर्ड थी और इसे चेतन सिंह गौड़ के नाम पर रजिस्टर किया गया था. पुलिस का कहना है कि ये गाड़ी किसी बड़े काले धन के रैकेट से जुड़ी हो सकती है.
भोपाल में पिछले तीन दिनों में तीन बड़े छापे मारे गए जिनमें से सबसे बड़ी छापेमारी रिटायर्ड RTO कांस्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर हुई. छापेमारी में सौरभ शर्मा के घर से ढाई करोड़ रुपये नकद और 40 करोड़ रुपये से ज्यादा की चांदी बरामद हुई. इसके अलावा त्रिशुल कंस्ट्रक्शन और क्वालिटी कंस्ट्रक्शन के ठिकानों से 3 करोड़ रुपये की नकदी मिली. ऐसे में पुलिस मामले की हर तरफ से जांच में जुटी हुई है.
क्या सौरभ शर्मा के इस काले धन के पीछे का सच?
सौरभ शर्मा का नाम अब चर्चा का विषय बन गया है. ग्वालियर के रहने वाले सौरभ शर्मा को परिवहन विभाग में कांस्टेबल की नौकरी उनके पिता के निधन के बाद अनुकंपा में मिली थी. 12 साल की सेवा के बाद उन्होंने VRS लिया और रियल एस्टेट और बाकी कामों से जुड़ गया. सौरभ के ठिकानों पर लोकायुक्त की रेड में एक अंडरग्राउंड लॉकर का पता चला जिसमें चांदी और जरूरी दस्तावेज मिले.
सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौड़ के बीच गहरे संबंध
सूत्रों के अनुसार जिस गाड़ी से करोड़ों की संपत्ति बरामद हुई वह चेतन सिंह गौड़ के नाम पर रजिस्टर्ड है जो सौरभ शर्मा का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है. गाड़ी का नंबर MP07BA0050 ग्वालियर जिले में रजिस्टर्ड था और माना जा रहा है कि यह संपत्ति दोनों के बीच सांठ-गांठ से जुड़ी हुई है.
पुलिस कर रही है मामले की जांच
इन घटनाओं के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. इनकम टैक्स और पुलिस की जांच से यह स्पष्ट है कि सौरभ शर्मा और उसके करीबी लोग बड़े भ्रष्टाचार में लिप्त है. इस मामले में कुछ आईएएस अधिकारियों के नाम भी सामने आ रहे हैं. फिलहाल मामले की जांच जारी है और जल्द ही और महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं.