कोविड की रोकथाम को प्रदेशव्यापी पांच दिवसीय विशेष दस्तक अभियान की हुई शुरुआत
लखनऊ: कोरोना संक्रमण के प्रसार को काबू में करने के लिए प्रदेश में एक बार फिर स्क्रीनिंग अभियान शुरू हो गया है। अभियान के तहत 24 से 29 जनवरी के बीच आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री और निगरानी समिति के सदस्य घर-घर दस्तक देंगे और सभी की सेहत का हालचाल लेंगे। कोविड के संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों की आरआरटी के माध्यम से टेस्टिंग होगी तो सभी को दवाइयों का मुफ्त पैकेट भी दिया जाएगा। यही नहीं, जिज नवजात शिशुओं का नियमित टीकाकरण नहीं हो सका, उनकी सूची भी तैयार की जाएगी। अभियान गांवों और शहरी वार्डों में सोमवार से एक साथ शुरू हो गया।
सोमवार को नई दिल्ली में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-09 के साथ वर्चुअल बैठक कर अभियान की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना प्रसार को नियंत्रण में ट्रेसिंग का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है। अपनी निगरानी समितियों के सहयोग से हमने पिछली लहर में घर-घर स्क्रीनिंग का कार्य किया, जिससे कोविड नियंत्रण में सहायता मिली। सोमवार से शुरू हुआ प्रदेशव्यापी सर्विलांस तीसरी लहर को रोकने में उपयोगी होगा। इस कार्यक्रम में निगरानी समितियां/स्वास्थ्यकर्मी घर-घर पहुंचें। लक्षणयुक्त लोगों की पहचान करें। जरूरत के अनुसार टेस्ट कराएं और हर संदिग्ध मरीज को निःशुल्क मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। यही नहीं, अपूर्ण टीकाकवर वाले लोगों की सूची भी तैयार की जाएगी, ताकि कोई भी बिना टीकाकवर के न रहे।
11,159 नए केस मिले, 10836 हुए स्वस्थ
प्रदेश में कोरोना की ताजा स्थिति बेहतरी के संकेत दे रही है। बीते एक सप्ताह से नए केस की संख्या और पॉजिटिविटी में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। यही नहीं, 17 जनवरी की तुलना में एक्टिव केस भी एक लाख के आंकड़े से कम होकर 93929 हजार रह गया है। विगत 24 घंटों में 01 लाख 86 हजार 697 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 11,159 नए कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसी अवधि में 10,836 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से अस्पताल में उपचाराधीन कोविड पॉजिटिव लोगों के परिजनों से नियमित अंतराल पर संवाद किया जाए। होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों से संवाद कर उन्हें मेडिकल परामर्श, दवाएं आदि मुहैया कराई जाए। सीएम योगी ने इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स पूर्णतः सक्रिय रखने की जरूरत बताते हुए जिलाधिकारी, सीडीओ और सीएमओ की नियमित बैठक आईसीसीसी में ही करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए।