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जानें क्यों और कैसे मनाया जाता है धनतेरस का त्योहार

 

आज पूरे देश में धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धनतेरस कहा जाता है। इस दिन घर के द्वार पर तेरह दीपक जलाकर रखे जाते हैं। यह त्योहार दीपावली आने की पूर्व सूचना देता है। इस दिन नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।

स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर

भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है। यह कहावत आज भी प्रचलित है कि ‘पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया’ इसलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है।

धनतेरस का क्‍या महत्‍व है और इसे क्‍यों मनाया जाता है

समुद्र मंथन के दौरान भगवान् धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। जिस दिन वो समुद्र से निकले उस दिन कार्तिक मास की त्रयोदशी थी इसीलिए हर साल इस दिन धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इसी कारण त्रयोदशी तिथि को धनतेरस कहा जाने लगा। धन्‍वंतरि को चिकित्सा का देवता भी कहा जाता है।

धातु से बनी चीजें खरीदना बेहद शुभ

धनतेरस के दिन धातु से बनी चीजें खरीदना बेहद शुभ माना गया है। इस दिन नए बर्तन खरीदने से 13 गुणा वृद्धि होती है। इसीलिए इस दिन खरीदारी का बड़ा महत्व है। इस दिन चांदी खरीदना भी शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन चांदी की लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति लोग खरीदते हैं।

मुख्य द्वार पर दीया जलाने का रिवाज

धनतेरस के दिन घर के आंगन व मुख्य द्वार पर दीया जलाने का रिवाज हैं। इससे घर में सुख समृद्धि व खुशहाली बनी रहती है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने के साथ लोग उनसे अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। इस दिन भगवान धनवंतरि के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है।

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