भारत का एक ऐसा मंदिर, जो जहाजों को अपनी तरफ खींच लेता था
भारत रहस्यों से भरा एक ऐसा देश है जहाँ समय-समय पर ऐसी जानकारियां सामने आती हैं जिन पर यकीन करना मुश्किल होता है। इसके साथ ही हमारे देश में कई रहस्यों से भरे मंदिर हैं जो अपने दामन में कई तरह के राज समेटे हुए हैं। एक ऐसा ही मंदिर है कोणार्क का सूर्य मंदिर जो बड़े से बड़े जहाज को अपनी तरफ खींच लेता था।
यह भारत के सबसे प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में से एक है, जो उड़ीसा में जगन्नाथ पुरी से 35 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में कोणार्क शहर में स्थित है। इस अद्भुत मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है।
बता दें कि, लोगों का कहना है कि इस मंदिर को समुंद्र के किनारे बनाया गया था लेकिन धीरे-धीरे समुद्र कम होता गया और मंदिर भी समुद्र किनारे से थोड़ा दूर हो गया।
इस सूर्य मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसमें 52 टन चुम्बक लगा हुआ था जिसकी वजह से पानी का जहाज भी इसकी तरफ खिंचा चला आता था। साथ ही एक समय ऐसा भी था जब मंदिर का मुख्य चुंबक अन्य चुंबकों के साथ इस तरह की व्यवस्था से सजाया हुआ था कि मंदिर की मूर्ति हवा में तैरती हुई नजर आती थी।
अंग्रेजों के शासनकाल में इसमें लगे चुम्बक को निकाल दिया गया जिसकी वजह से मंदिर का संतुलन बिगड़ गया और मंदिर की कई दीवारें और पत्थर गिरने लगे।