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नरेंद्र मोदी: संघर्ष से शिखर तक का सफर

नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को मनाया जाता है। इस साल वे 75 वर्ष के हो गए हैं। उनका राजनीतिक करियर मिसाल माना जाता है क्योंकि उन्होंने अब तक अपने चुनावी सफर में कभी हार का स्वाद नहीं चखा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नरेंद्र मोदी की राजनीति में शुरुआत कैसे हुई और वह मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक कैसे पहुँचे? आइए जानते हैं

राजनीति में प्रवेश

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए किया। शुरुआती दिनों में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े और संगठन में सक्रिय भूमिका निभाई।साल 1987 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ काम शुरू किया और अगले ही वर्ष 1988 में गुजरात भाजपा के संगठन मंत्री बने। संगठन में उनकी मेहनत और रणनीतिक क्षमता के कारण उन्हें 1995 में भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। 1995 और 1998 के विधानसभा चुनावों में मोदी ने भाजपा को गुजरात में सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा और मुरली मनोहर जोशी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा में भी बड़ा योगदान दिया। 1998 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया और वे विभिन्न राज्यों में संगठन को मजबूत करने में जुट गए।

मुख्यमंत्री बनने की कहानी

साल 2001 में नरेंद्र मोदी दिल्ली में पार्टी संगठन के काम में व्यस्त थे। इसी दौरान प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे कहा कि उन्हें गुजरात लौटकर राज्य की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। उसी साल 7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने 51 वर्ष की उम्र में गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।इसके बाद उन्होंने लगातार तीन विधानसभा चुनाव (2002, 2007 और 2012) जीतकर भाजपा को गुजरात में मजबूत पकड़ दिलाई और 14 वर्षों तक मुख्यमंत्री पद संभाला।

प्रधानमंत्री पद की यात्रा

साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा। उनके नेतृत्व में भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली और पार्टी को 1984 के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत हासिल हुआ। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।इसके बाद 2019 में उन्होंने और भी बड़े बहुमत के साथ भाजपा को विजय दिलाई। 2024 में भी भाजपा ने उनके नेतृत्व में 240 सीटें जीतीं और एनडीए ने आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर एक नया राजनीतिक इतिहास रचा।

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