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उत्तराखंड विधानसभा में UCC विधेयक पेश, विधानसभा की कार्रवाई स्थगित; कांग्रेस का भी बदला रुख  

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक को पेश कर दिया गया है। मंगलवार का दिन उत्तराखंड विधानसभा के लिए ऐतिहासिक बन गया है। उत्तराखंड विधानसभा देश की पहली विधानसभा बन गई है, जहां समान नागरिक संहिता विधेयक पर चर्चा हो रही है।

देश में UCC लागू करने की बात भाजपा के शुरुआती घोषणापत्रों में से एक रही है। उत्तराखंड विधानसभा से इसकी शुरुआत होने वाली है। उत्तराखंड UCC की तर्ज पर अब कई अन्य प्रदेशों में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जा सकता है।

उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार इस मामले में रिकॉर्ड बनाने में सफल हो गई है। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से धार्मिक आधार पर मिलने वाली स्वतंत्रता लोगों से छिन जाएगी। भारतीय कानून के प्रावधन सभी वर्गों पर एक समान लागू होंगे। उत्तराखंड ऐसा करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है।

सीएम धामी ने किया ट्वीट

इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया, “देवभूमि उत्तराखण्ड के नागरिकों को एक समान अधिकार देने के उद्देश्य से आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक पेश किया जाएगा। यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हम UCC लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे।”

पहली विधानसभा बन गई उत्तराखंड

स्वतंत्र भारत में उत्तराखंड विधानसभा इस प्रकार के बिल पेश करने वाली पहली विधानसभा बन गई है। इस बिल को पास कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास पर्याप्त बहुमत है। प्रदेश की विधानसभा में भाजपा के पास 47 और कांग्रेस के पास 19 सीटें हैं। इस बहुमत के साथ धामी सरकार को बिल पास कराने में अधिक दिक्कत नहीं होगी। बिल पेश होते ही उत्तराखंड विधानसभा भारत माता की जय और जय श्री राम के नारों से गूंज उठा।

विधानसभा में विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू किया है। विपक्षी दलों के विधायक और नेता हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे हैं। वे सरकार पर सभी वर्गों के हितों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं।

बदला कांग्रेस का रुख, चर्चा के लिए समय देने की मांग

उत्तराखंड में लाए जा रहे यूनिफॉर्म सिविल कोड पर विपक्षी कांग्रेस पार्टी का रुख बदला नजर आ रहा है। पार्टी ने बिल को लागू करने से पहले चर्चा के लिए समय देने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि चर्चा का समय दिया जाए, हम यूसीसी के विरोध में नहीं हैं। इस कानून को लागू किए जाने से पहले विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।

विधानसभा के बाहर सुरक्षा कड़ी

देहरादून में उत्तराखंड विधानसभा के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। समान नागरिक संहिता पर बिल आज सदन में पेश किया जाएगा, जिसके बाद इस पर बहस होगी।

दो फरवरी को मुख्यमंत्री को सौंपा गया ड्राफ्ट

ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए विशेष समिति का गठन किया गया था। समिति ने 20 माह के कार्यकाल में विभिन्न धर्मों, समूहों, आमजन व राजनीतिक दलों से संवाद कर संहिता का ड्राफ्ट तैयार किया है। चार खंडों व 740 पेज का यह ड्राफ्ट समिति ने दो फरवरी को मुख्यमंत्री को सौंपा।

चार फरवरी को कैबिनेट बैठक में लगी मुहर

चार फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में ड्राफ्ट और इससे संबंधित विधेयक पर मुहर लगाई गई। इस बीच विधानसभा सत्र में सोमवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में मंगलवार के एजेंडे पर विमर्श किया गया।

नेता प्रतिपक्ष ने की इस्तीफा देने की घोषणा

बहुमत से समिति में मंगलवार को प्रश्नकाल व शून्यकाल स्थगित करने का निर्णय ले किया गया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि सरकार सदन की परंपराओं से खिलवाड़ कर रही है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व विधायक प्रीतम सिंह ने बहुमत से प्रश्नकाल व शून्यकाल न होने के विषय पारित होने पर कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा देने की घोषणा की।

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