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कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, मानहानि मामले में याचिका वापस ली

नई दिल्ली। अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत को किसान आंदोलन से जुड़े मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। शीर्ष अदालत ने कंगना की याचिका पर सुनवाई से इन्कार करते हुए इसे वापस लेने की सलाह दी, जिसे उन्होंने मान लिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि ट्वीट पर टिप्पणी करना ट्रायल को प्रभावित कर सकता है।

मामला क्या है?

यह केस 2021 में पंजाब के बठिंडा की 73 वर्षीय महिंदर कौर ने दायर किया था। आरोप है कि कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान एक फोटो वाले ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा था कि यह वही बुजुर्ग महिला हैं जो शाहीन बाग आंदोलन में शामिल थीं और उन्हें पैसे देकर लाया गया है। बाद में स्पष्ट हुआ कि फोटो में महिला महिंदर कौर थीं, जिन्हें गलत तरीके से बिलकिस बानो से जोड़ा गया था।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि यह महज़ एक रीट्वीट नहीं था बल्कि इसमें कंगना की अपनी टिप्पणी भी शामिल थी। जस्टिस मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा, “आपने इसमें मसाला लगाया है। हमें इस पर टिप्पणी करने के लिए मजबूर न करें, वरना यह आपके बचाव पक्ष को नुकसान पहुंचा सकता है।” अदालत ने यह भी सुझाव दिया कि कंगना यदि चाहें तो निचली अदालत से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग कर सकती हैं।

अब तक की कानूनी प्रक्रिया

मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जांच के बाद पाया कि कंगना की टिप्पणी भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) के अंतर्गत आती है। कंगना ने इसके खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट द्वारा अपवादों पर विचार न करना आदेश को अवैध नहीं बनाता। साथ ही यह भी कहा कि केवल कंगना को नामजद करना शिकायत को दुर्भावनापूर्ण साबित नहीं करता। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया है।

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