इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों ने ली नशा न करने की शपथ

मानवविज्ञान विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आज दिनाँक 18 जुलाई 2025 को युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा वाराणसी में युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन के आयोजन के मद्देनजर “विकसित भारत के लिए नशा मुक्त युवा” विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशे की लत से मुक्ति दिलाना, उनमें नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता पैदा करना और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को मज़बूत करना है।
विभाग का इस आयोजन के पीछे यह भी मंतव्य है कि “काशी घोषणापत्र ” के माध्यम से युवाओं के नेतृत्व में नशे के विरुद्ध जो एक सशक्त राष्ट्रीय योजना तैयार हो रही है, जो एक स्वस्थ, नशामुक्त और विकसित भारत के लिए एक संयुक्त रोडमैप होगा उसमें मानवविज्ञान विभाग और उसके युवा विद्यार्थी भी अपनी सशक्त भूमिका का निर्वहन कर सकें। कार्यक्रम के दौरान विभागाध्यक्ष प्रो. राहुल पटेल ने विद्यार्थियों से विकसित भारत और मादक द्रव्यों के विषय में युवाओं की भूमिका पर अपने व्याख्यान में कहा कि “विकसित भारत की परिकल्पना केवल भौतिक विकास तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक नैतिक, बौद्धिक और सामाजिक रूप से समरस राष्ट्र के निर्माण की आकांक्षा भी है इस लक्ष्य की पूर्ति में युवाओं की भूमिका केंद्रीय है युवा न केवल नवाचार, प्रौद्योगिकी और उद्यमशीलता के वाहक हैं बल्कि वे सामाजिक चेतना और मूल्य-आधारित नेतृत्व के प्रमुख संवाहक भी हैं परंतु भारत में तेजी से बढ़ती नशे की प्रवृत्ति एक गंभीर सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बनती जा रही है जो युवाओं की कार्यक्षमता, संज्ञानात्मक विकास और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और एम्स जैसे संस्थानों की रिपोर्टें इस प्रवृत्ति की गंभीरता को रेखांकित करती हैं। प्रोफेसर राहुल पटेल जी ने आगे कहा कि शैक्षणिक संस्थानों की यह जिम्मेदारी है कि वे युवाओं को सामाजिक-जैविक दृष्टिकोण से नशे के दुष्परिणामों के प्रति शिक्षित करें और उन्हें आत्म-नियंत्रण, जीवन कौशल तथा मनोसामाजिक सहयोग की दिशा में सशक्त बनाएं। वर्तमान समय में आवश्यकता इस बात की है कि युवा स्वयं को न केवल नशा-मुक्त रखें, बल्कि जनजागरूकता के माध्यम से समाज में स्वस्थ एवं नैतिक जीवन के प्रेरक बनें।”
इस संदर्भ में बोलते हुए डॉ. शैलेन्द्र मिश्र ने विद्यार्थियों को नशे के उन्मूलन और व्यसन के जाल में फँसे हुए लोगों हेतु निरंतर परामर्श की आवश्यकता पर बल दिया। विभाग के शिक्षक डॉ. खिरोद चंद मोहराना ने नशे की लत में फंसे युवाओं के पुनर्वास और मुख्य धारा में शामिल करने की जरूरतों पर चर्चा की।
वहीं विभाग के पोस्ट डॉक्टोरल फेलो डॉक्टर संजय कुमार द्विवेदी ने ” काशी घोषणापत्र ” के अनुरूप पोस्टर्स का निर्माण करके नशा मुक्ति हेतु युवाओं को प्रेरित किया। तत्पश्चात विभागाध्यक्ष प्रो. राहुल पटेल ने उपस्थित सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को मादक द्रव्यों से दूर रहने, कभी भी नशा न करने और आसपास के लोगों को इसके प्रति आगाह करने की शपथ दिलाई।
*शपथ*
हम समझते हैं कि हमारे देश में, खासकर युवाओं में, नशीली दवाओं का दुरुपयोग बढ़ रहा है और यह चिंता का विषय है। हम नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने में सहयोग करने का संकल्प लेते हैं। हम वादा करते हैं कि हम किसी भी तरह से या किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी हानिकारक या अवैध नशीली दवाओं का सेवन नहीं करेंगे। हम प्रत्येक व्यक्ति, विशेषकर युवाओं को प्रोत्साहित करके नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करेंगे, ताकि भारत के युवा नशामुक्त रह सकें और समाज के रचनात्मक और महत्वपूर्ण सदस्य बन सकें। आज हम प्रतिज्ञा करते हैं कि हम नशे से दूर रहेंगे और स्वस्थ जीवन जियेंगे।
इस अवसर पर विभाग के कर्मी स्वामीनाथ, अमिता यादव, सुनील चौहान, प्रेमचंद, वीरपाल, शेखर तथा स्नातक एवं परास्नातक के अनेक विद्यार्थियों ने सहभागिता की।