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डिजिटल अरेस्ट कर 1.29 करोड़ की ठगी: यूपी एसटीएफ ने गिरोह के दो और सदस्य दबोचे

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने रविवार को एक बड़े साइबर ठगी गिरोह के दो और सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह बरेली के भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. शुकदेव नंदी से 1 करोड़ 29 लाख रुपये की धोखाधड़ी में शामिल था। इससे पहले 8 जुलाई को इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान प्रदीप कुमार सिंह और महफूज के रूप में हुई है। प्रदीप एक निजी कंपनी का निदेशक है और इस गिरोह में प्रमुख भूमिका निभा रहा था। दोनों आरोपी डिजिटल अरेस्ट की साजिश में शामिल थे, जिसमें खुद को CBI अधिकारी बताकर उन्होंने रिटायर्ड वैज्ञानिक को तीन दिन तक मानसिक रूप से बंदी बना लिया।

कैसे की गई ठगी?

गैंग के सदस्यों ने नंदी को डरा-धमकाकर उनकी बैंक जानकारी हासिल की और उन्हें अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। प्रदीप ने पूछताछ में कबूल किया कि गिरोह उसके बैंक खातों का इस्तेमाल करता था, जिसमें ट्रांसफर हुए पैसों को वह निकालकर अन्य सदस्यों को सौंप देता था। इस काम के बदले उसे कमीशन के तौर पर अब तक 871 अमेरिकी डॉलर मिल चुके हैं, और बाकी रकम मिलनी थी।

एसटीएफ की जांच जारी

यूपी एसटीएफ इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और गिरोह के अन्य फरार सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

सावधानी जरूरी

एसटीएफ ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति से फोन या ऑनलाइन माध्यम से बैंक या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है।

 

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