“नशे से दूर रहो, इमोशंस को समझो” – अभिनेता राघव बिनानी ने बताया सफल एक्टर बनने का राज

सिनेमा एक ऐसा माध्यम है, जो घर परिवार, समाज और देश पर प्रभाव डालता है। हर कोई अभिनय मेँ अपनी किस्मत आजमाना चाहता है। मुंबई को माया नगरी के नाम से भी जाना जाता है। लाखों लोग एक्टर बनने के लिए मुंबई की ट्रैन पकड़ते हैं। अपने सपनों को पंख देने के लिए, अपनी उम्मीदों को पूरा करने के लिए काफ़ी रातें रेलवे स्टेशन पर सोकर ही गुजार देते हैं। फिर मुंबई मेँ रहना, खाना, काम खोजना आसान नहीं होता। हर रोज ऑडिशन देना ये उम्मीद रखना काम मिलेगा। तमाम संघर्ष और चुनौतीयों के बाद कहीं कोई मौका मिलता है। आज हम बात करेंगे एक ऐसे ही प्रतिभावान अभिनेता से जिसने अपनी मेहनत और प्रतिभा से इतनी कम उम्र मेँ ना सिर्फ़ काम किया बल्कि बड़ा मुकाम हासिल किया।
राघव बिनानी एक फ़िल्म और टीवी अभिनेता हैं, जो हर माध्यम जैसे फिल्मों, टीवी, सीरियल और विज्ञापन मेँ काम करने का अनुभव रखते हैं। अभिनेता राघव बिनानी से न्यूज़ राइटर अंकित कुमार गोयल की विशेष बातचीत…।
आपकी अभिनय यात्रा की शुरुआत कैसे हुई, परिवार का कितना सहयोग मिला?
मैं 2017 में मुंबई आ गया था, एक्टर बनने के लिए पर उसके लगभग तीन साल पहले जब मैं कॉलेज में था मुझे थोड़ा वक्त मिला तो मैंनें ऑडिशन देना स्टार्ट कर दिया था। क्योंकि मैं बहुत टाइम से एक्टर बनना चाहता था। मेरे मन मैं ख्वाहिश थी। कॉलेज मेरा थोड़ा दूर था। लेकिन में आता जाता रहता था । कॉलेज के पास एक एरीया था, जहां पर ऑडिशन होते थे मैं इतना दूर आया हूँ तो ऑडिशन दे देता हूँ। इस तरह से मेरा स्टार्ट हुआ था। परिवार से सहयोग की बात करें तो इनिशियल थोड़ा अगेंस्ट थे। क्योंकि हम लोगों का फैमिली बैकग्राउंड नही था। और सब ने सुना है की कितना टफ होता है। यहां पे लाखों लोग आते हैं और लाखों क्या करोड़ों लोग आते हैं एक्टर बनने के लिए तो इनिशियल उनका इतना सपोर्ट नहीं था पर मैंने बोला की नहीं, मैं थोड़ा ट्राइ तो करना चाहूँगा, उन्होंने मेरा थोड़ा बहुत काम देखा तो उनको लगा नहीं, मेरे में टैलेंट है तो इसको जाने देना चाहिए।
सीरियल की स्क्रिप्ट कितने दिन पहले मिलती है, याद करने की क्या प्रक्रिया है, विस्तार से बतायें?
सिरियल की स्क्रिप्ट मुझे आमतौर पर सेम डे ही मिलती है। और उसको तैयारी के लिए ज्यादा समय नही मिलता मैं एक टीवी शो कर रहा था जहां पे कैमरा रोल होने ही वाला था कि 5 मिनट पहले मुझे स्क्रिप्ट मिला था क्योंकि रोज इतना सारा लिखा जाता है कि टाइम ही नहीं मिलता । एक दिन पहले का मोस्ली बट ये फिर भी डिपैंड करता है चैनल टू चैनल और प्रोडक्शन टू प्रोडक्शन कहीं पर पहले भी मिल जाता है।
अभिनेता मेँ क्या गुण होने चाहिए, किन बातों से बचना चाहिए?
एक महीने मेँ एक्टर को सीरियल मेँ लगभग कितने दिन काम मिल जाता है और पर डे कितना पारिश्रमिक मिल जाता है?
देखिए अगर एक्टर लीड कर रहा है उसके मंथ में 20 से 25 दिन जाते हैं। आमतौर सीरियल महीने में 20 दिन आता है। यदि हम 28 का महीना काउंट करते हैं 20- 25 दिन तो लग ही जाते हैं। कई बार रीसूट भी होता है, यह लीड का हुआ फैमिली ट्री, प्राइमरी कैरक्टर है तो उनके 15 से 20 दिन, कुछ चरित्र आते रहें तो उनके 5 से 10 दिन होता है। बजट आपके एक्सपीरियंस आपके चरित्र और चैनल के ऊपर निर्भर करता है।
आपके अनुसार कोई तीन फ़िल्में जो एक्टर को देखनी चाहिएं और क्यों देखनी चाहिए?
जी मेरे हिसाब से The Godfather English film, क्योंकि उसमें सारे एक्टर ने अच्छा काम किया 3 Idiots Hindi film उसमें इस भी सारे एक्टर नें अच्छा काम किया और वो सिर्फ अभिनेताओं को ही नहीं मेरे ख्याल से वो फ़िल्म सबको ही देखना चाहिए। क्योंकि वो फिल्म में एक डाइलॉग है काबिल बनो कामियाबी जख मार के पीछे आ जाएगी तो ये सब को सीखना चाहिए और भी उस फिल्म में बहुत ऐसे लेसन्स है। जो सीखने चाहिए इंसान को और उसको छोड़के मैं फिल्म नहीं बोलूंगा मैं एक सीरियल बोलूंगा महाभारत जो सबसे पहले वाली थी क्योंकि उसमें इतने कैरेक्टर्स हैं इतने कैरेक्टर्स है और सबका परफॉर्मेंस इतना अच्छा है तो वो भी देखना चाहिए।
आपके आने वाले प्रोजेक्ट के बारे मेँ जो आप बताना चाहते हो?
जी मेरी अपकामिंग फिल्म है रूमी की शराफत ये है राधिका मदान, ब्रजेन्द्र काला, वरुण शर्मा इनलोग के साथ जिससे मेरा एक प्राइमरी क्यारेक्टर है। इट इज़ प्रोडयूस बाय मैडॉक फिल्म्स यह यह एक ऐसी फिल्म है जो बहुत लोकप्रिय होगी, इसका कॉन्सेप्ट बिल्कुल अलग है, इसकी स्टोरी बहुत अलग है।