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गांधीनगर में बोले पीएम मोदी- हमने तय कर लिया है, आतंकवाद रुपी कांटे को निकालकर रहेंगे

गांधीनगर। गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज दूसरा दिन है। गांधीनगर में रोड शो के बाद उन्होंने देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि अब वक्त आ गया है जब आतंकवाद का खात्मा करना होगा।

पीएम मोदी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, मैं जहां-जहां गया ऐसा लग रहा है देशभक्ति का ज्वार, गर्जना करता सिंदूरिया सागर और लहराता तिरंगा, जनमन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम ऐसा नजारा था। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा दृश्य था जो सिर्फ गुजरात में ही नहीं बल्कि हिंदुस्तान के कौने-कौने में हर हिंदुस्तानी के दिल में है। पीएम मोदी ने कहा कि, शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों न हो, लेकिन जब एक कांटा चुभता है तो पूरा शरीर परेशान रहता है। अब हमने तय कर लिया है उस कांटे को निकालकर रहेंगे।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि, 1947 में जब भारत मां के टुकड़े हुए, कटनी चाहिए थी जंजीरें लेकिन हाथ काट दिए गए। देश के तीन टुकड़े कर दिए गए। उसी रात पहला आतंकी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ था। भारत मां का एक हिस्सा आतंकियों के बल बूते पर मुहाजिदों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। अगर उसी दिन इन मुजाहिदों को मौत के घाट उतार दिया गया होता, सरदार पटेल की इच्छा थी कि जब तक पीओके वापस नहीं आता है तब तक सेना नहीं रुकनी नहीं चाहिए लेकिन उनकी बात मानी नहीं गई। ये मुजाहिदीन जो लहू चख गए थे वो सिलसिला 75 साल से चला आ रहा है। पहलगाम में भी उसी का विकृत रूप देखने को मिला. 75 साल तक हम झेलते रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि, भारत उस महान संस्कृति और परंपरा को लेकर चला है, वसुधैव कुटुंबकम, ये हमारे संस्कार है, ये हमारा चरित्र है सदियों से इसे हमने जिया है, हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं, हम अपने पड़ोसियों का भी सुख चाहते हैं। वे भी सुख चैन से जिएं, हमें भी सुख चैन से जीने दें। ये हमारा हजारों साल से चिंतन रहा है. लेकिन जब बार-बार हमारे सामर्थ को ललकारा जाए, तो ये देश वीरों की भी भूमि है।

“चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बने, हम विकास चाहते हैं, प्रगति चाहते हैं”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कल 26 मई थी। 2014 में 26 मई को मुझे पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने का अवसर मिला। उस समय, भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें नंबर पर थी। हमने कोरोना से लड़ाई लड़ी, पड़ोसियों से भी मुसीबतें झेलीं, प्राकृतिक आपदा भी झेली इसके बावजूद इतने कम समय में हम 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बने, क्योंकि हम विकास चाहते हैं, प्रगति चाहते हैं। हमारा लक्ष्य है, 2047 में हिंदुस्तान को विकसित होना ही चाहिए। हम आजादी के 100 साल ऐसे मनाएंगे कि दुनिया में विकसित भारत का झंडा फहरता रहेगा।”

उन्होंने कहा, “आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। मुझे याद है कि हमने छठे से पांचवें स्थान पर पहुंचने का जश्न मनाया था। यह पल विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि हमने उसी देश को पीछे छोड़ दिया जिसने 250 वर्षों तक हम पर शासन किया। अब, जब हम चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं, तो तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दबाव बढ़ रहा है और उससे भी अधिक दृढ़ संकल्प। यह देश अब इंतजार नहीं करना चाहता। और अगर कोई सुझाव देता है कि हमें धैर्य रखना चाहिए, तो आप पृष्ठभूमि में आवाजें सुन सकते हैं, ‘मोदी है तो मुमकिन है’। इसलिए हमारा स्पष्ट लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।”

“ऑपरेशन सिंदूर 140 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया सिंदूरिया सागर की गर्जना सुन रही है। देश को बनाना और बचाना है तो ऑपरेशन सिंदूर 140 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी है। ऑपरेशन सिंदूर सैन्य बल से शुरू हुआ था, इसे जन-बल से जीतना है।”

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