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उत्तर प्रदेश : बेटी को पढ़ने के लिए मालिक के पास भेजा पिता, बनी हवस की शिकार

नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में नाबालिग से रेप के दोषी 80 वर्षीय चित्रकार को अदालत ने 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी चित्रकार पर जुर्माना भी लगाया है। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय, गौतमबुद्ध नगर में अतिरिक्त सत्र एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) प्रथम की अदालत ने नाबालिग से रेप के मामले में बुधवार को आरोपी मोरिस राइडर को दोषी करार दिया। अदालत ने दोषी को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में दोषी को एक साल और कारावास की सजा भुगतनी होगी।

पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि दो अन्य धाराओं में उस पर 7,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि चित्रकार नोएडा के सेक्टर- 46 में रहता था और वर्तमान में उसकी उम्र 80 वर्ष है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में जब पहली बार पीड़िता से दुष्कर्म किया गया, तो उसकी उम्र 13 वर्ष थी। आरोप है कि चित्रकार ने पीड़िता को नोएडा में अपने घर में बंधक बनाकर रखा और वर्ष 2015 से 2022 तक पीड़िता का पहले ‘डिजिटल रेप’ (यौन अंगों से छेड़छाड़) और फिर रेप किया।

अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता ने 14 मई, 2022 को नोएडा के कोतवाली सेक्टर-39 में राइडर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि चित्रकार का शिमला में स्टूडियो था, जहां पीड़िता के पिता नौकरी करते थे। पीड़िता के पिता ने उसे पढ़ाने के लिए चित्रकार के पास नोएडा भेज दिया। उन्होंने कहा कि पीड़िता ने डर के कारण किसी से कुछ नहीं कहा और करीब सात साल तक चित्रकार ने लड़की का यौन शोषण किया।

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