सऊदी में भीषण गर्मी ने ले ली 1000 से ज्यादा हज यात्रियों की जान, मृतकों में 70 भारतीय भी शामिल
नई दिल्ली। सऊदी अरब में भीषण गर्मी से मरने वाले हाजियों की संख्या 1000 के पार हो गई है। कई वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें सड़क पर हाजियों के शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। मृतकों में 650 से ज्यादा मिस्र के नागरिक शामिल हैं। इनके अलावा 70 भारतियों की भी मौत भीषण गर्मी की वजह से हुई है। मिडिल ईस्ट में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच मक्का में 17 जून को तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं 18 जून को थोड़ी राहत के साथ पारा 47 डिग्री रहा।
कई देशों के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हज के दौरान मरने वाले ज्यादातर लोग ऐसे थे, जो यात्रा से महीनों पहले टूरिस्ट वीजा या यात्रा वीजा के जरिए सऊदी अरब में आए थे। ये लोग मक्का में रहे और बिना उचित परमिट के हज किया। ट्यूनीशियाई विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसके ज्यादातर नागरिक जिनकी मौत हुई है वह टूरिज्म, विजिट या उमरा वीजा के जरिए सऊदी अरब पहुंचे थे। उनके पास आधिकारिक हज परमिट नहीं था। वे आवास, भोजन या परिवहन जैसी जरूरी सेवा प्रदान करने वाले किसी भी संगठित समूह से जुड़े नहीं थे। वहीँ जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘वे औपचारिक हज प्राधिकरण प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए, पर्यटन या यात्रा वीजा पर सऊदी अरब में गए थे।’ हज के दौरान इस साल मक्का में अत्यधिक गर्मी पड़ी, जिससे ऐसे लोग जो बिना परमिट के हैं उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आधिकारिक तीर्थयात्रियों को कई तरह की सहाता मिलती है। लेकिन इन लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया। कई लोगों ने चिलचिलाती धूप में पैदल ही लंबी दूरी तय की। ऊबड़-खाबड़ और कच्चे रास्तों को पार किया, जो पैदल चलने वालों के लिए उपयुक्त नहीं थे।मरने वालों में बड़ी संख्या बुजुर्गों की है।
बता दें कि, पिछले महीने सऊदी की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई थी जिसके मुताबिक जलवायु परिवर्तन से हज यात् के प्रभावित होने की बात कही गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि जिन जगहों में हज किया जाता है, वहां का तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस (0.72 डिग्री फारेनहाइट) से बढ़ रहा है। सऊदी अरब के मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मक्का की ग्रांड मस्जिद में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।