लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, हंगामे की भेंट चढ़ गया सत्र का दूसरा हिस्सा
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने अदाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग को हंगामा किया तो सरकार की तरफ से लोकतंत्र को लेकर लंदन में राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर माफी की मांग पर हंगामा किया।
आज गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही शुरू होने पर काले कपड़े पहने कांग्रेस नेताओं सहित कुछ विपक्षी दलों के सांसद आसन के पास आ गए और जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। ओम बिरला ने इस पर नाराजगी भी व्यक्त की।
लोकसभा में कितना हुआ कामकाज
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि 17वीं लोकसभा के 11वें सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई। सत्र राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण के बाद शुरू हुआ। इस पर 13 घंटे 44 मिनट तक चर्चा चली। प्रधानमंत्री ने इसका जवाब दिया। सभा ने सर्वसम्मति से अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित किया।
उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान सदन में लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक कामकाज हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। सदन में इस पर 14 घंटे और 45 मिनट तक चर्चा हुई और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि सदन ने अनुदान की मांगों और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दी। सत्र के दौरान 8 विधेयक पुन: स्थापित किए गए और पांच विधेयक पारित हुए। सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए और 133 लोक महत्व के विषय उठाए गए। स्थायी समितियों के 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किये गए।
राज्यसभा में भी हंगामा
राज्यसभा में भी विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा जारी रहा। इस वजह से सदन की कार्यवाही शुरू होने के महज सात मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सके।
इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह से हल्के-फुल्के लहजे में कहा कि उन्होंने काले कपड़े पहने हैं, जबकि अन्य सदस्य सफेद कपड़ों में हैं। सभापति ने कहा कि सर, आप अलग दिख रहे हैं।
खरगे ने सरकार को घेरा
लोकसभा स्थगित होने के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार लोकतंत्र की बातें करती है, लेकिन उसकी कथनी और करनी में फर्क है। संसद में 50 लाख करोड़ रुपये का बजट बिना चर्चा के 12 मिनट में पारित हो गया, सत्ताधारी पार्टी के सांसदों ने सदन में हंगामा किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने संसद में अदाणी मुद्दे पर जवाब नहीं दिया, ब्रिटेन में राहुल गांधी की टिप्पणी पर माफी की मांग कर ध्यान भटकाया। कुछ तो गड़बड़ है, इसीलिए सरकार अदाणी मामले में जेपीसी जांच के आदेश देने को राजी नहीं हो रही है। हमारा सामूहिक मुद्दा था कि अदाणी को इतना महत्व क्यों दिया जा रहा है? उनकी संपत्ति केवल 2.5 साल में 12 लाख करोड़ कैसे हुई?
उन्होंने सरकार का पैसा और संपत्ति खरीदी है। क्यों मोदी जी एक ही व्यक्ति को इतनी चीजें दे रहे हैं? किन-किन देशों के प्रधानमंत्रियों और उद्योगपतियों से अदाणी मिले? इस पर चर्चा होनी चाहिए। हम JPC की मांग कर रहे हैं। इसमें उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला था। उनके पास बहुमत है तो ज्यादा लोग आपके रहेंगे। इसके बावजूद वे (भाजपा) JPC से क्यों डर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि जब भी हम नोटिस देते थे और उस पर चर्चा की मांग करते थे तब वे हमें बोलने नहीं देते थे। ऐसा पहली बार हुआ है, मैंने 52 सालों में ऐसा कभी नहीं देखा। यहां 2 साल से मैं देख रहा हूं कि खुद सत्तारूढ़ पार्टी के लोग विघ्न डालते हैं।