असम में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई पर HC की सख्त टिप्पणी,तत्काल रिहाई के आदेश
गुवाहटी: असम में बाल विवाह के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर गुवाहटी हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारी ने आम लोगों के जीवन में तबाही मचा दी है। ऐसे मामलों में आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है।
अदालत ने आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धाराएं लगाने पर भी सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा है कि आरोपियों पर यह बिल्कुल अजीब तरह का आरोप लगाया जा रहा है।
तत्काल जमानत
हिरासत में लिए गए आरोपियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुमन श्याम ने उनकी अग्रिम व अंतरिम जमानत की याचिका को स्वीकार करते हुए तत्काल प्रभाव से रिहा करने का आदेश सुनाया।
ये चोरी या तस्करी के मामले नहीं
कोर्ट ने कहा यह तस्करी या चोरी का मामला नहीं है। इन मामलों में हिरासत में लेकर पूछताछ करना भी उचित नहीं है। गिरफ्तार लोगों में बच्चे हैं, परिवार के सदस्य और बुजुर्ग हैं। ऐसे लोगों की गिरफ्तारी आम लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है।
कोर्ट ने कहा सरकार कानून के अनुसार आगे बढ़े। अगर कोई दोषी है तो चार्जशीट दाखिल की जाए और उन्हें मुकदमे का सामना करने दें। न्यायालय किसी को बरी नहीं कर रहा है और सरकार को बाल विवाह के मामलों की जांच करने से भी नहीं रोक रहा है।
14 फरवरी तक हुईं 3031 गिरफ्तारियां
आंकड़ों के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में 14 फरवरी तक 4225 मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं कुल 3031 लोगों को पकड़ा जा चुका है। यह कार्रवाई तीन फरवरी को 4004 एफआईआर के साथ शुरू हुई थी।