देहरादून में चल रहा ‘हर पेड़ तिरंगा’ अभियान, जानें पर्यावरण प्रेमियों ने क्यों शुरू की ऐसी मुहिम?
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण के लिए हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं, जिसका पर्यावरण प्रेमी लगातार विरोध कर रहे हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाया जा रहा है। इसी की तर्ज पर पेड़ों को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी ‘हर पेड़ तिरंगा’ अभियान चला रहे हैं। रोड चौड़ीकरण के लिए जिन पेड़ों को काटा जाना है, उन्हें बचाने के लिए पर्यावरण के लिए काम करने वाली MAD संस्था के वॉलंटियर्स इस अभियान के तहत पेड़ों को तिरंगे के रंग में रंग रहे हैं।
MAD संस्था के वॉलंटियर पार्थ पंत का कहना है कि हम इस अभियान को इसलिए चला रहे हैं कि हम आजादी का महोत्सव पेड़ों के साथ मना रहे हैं, क्योंकि पेड़ भी पक्षियों का घर होते हैं। उन्होंने कहा कि हम उन्हें क्यों भूल जाते हैं। ये पेड़-पौधे, पक्षी हमारे जीवन का आधार हैं।
आपको बता दें कि सहस्त्रधारा रोड चौड़ीकरण के लिए करीब 2057 पेड़ काटे जाने के आदेश दिए गए थे, जिनमें 1006 यूकेलिप्टस के पेड़ शामिल हैं। इसके खिलाफ आशीष गर्ग ने जनहित याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 11 मई 2022 को पेड़ों के कटान पर स्टे लगा दिया था, जिसे 22 जून को हटा दिया गया। 1 जुलाई से फिर पेड़ काटे जाने लगे। अभी तक सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं।
याचिकाकर्ता आशीष गर्ग और पर्यावरण प्रेमियों ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को आदेश दिया कि याचिकाकर्ताओं के सुझाव को सुने और ट्रांसप्लांट को सही तरीके से करें। अदालत की तरफ से फिलहाल पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी गई है। इस मामले में अब 17 अगस्त को अगली सुनवाई होनी है।
याचिकाकर्ता आशीष गर्ग ने बताया कि लगातार हम इन पेड़ों को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और कई तरह के सुझाव दिए हैं, जो पर्यावरण और विकास में कारगर साबित हो सकते हैं।