हेमकुंड साहिब क्षेत्र में समय से पहले खिला ब्रह्मकमल, जानें कहां-कहां पाया जाता है
हेमकुंड साहिब क्षेत्र में इस साल राज्य पुष्प ब्रह्मकमल दो हफ्ते पहले ही खिल गए हैं। इस क्षेत्र में अक्सर यह फूल जुलाई मध्य और अगस्त में खिलते हैं, लेकिन इस बार जुलाई के पहले हफ्ते में ही यहां ब्रह्मकमल खिलने शुरू हो गए हैं।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में ब्रह्मकमल बहुतायत में खिलते हैं। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग के पड़ाव भ्यूंडार गांव निवासी प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने अक्सर इस फूल को जुलाई माह के अंतिम सप्ताह से ही खिलते देखा है।
इस साल कुछ समय पहले ही यह फूल खिलने लगा है। वहीं वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर विनय नौटियाल का कहना है कि ब्रह्मकमल को खिलने के लिए कम तापमान चाहिए होता है। जुलाई व अगस्त में बरसात शुरू होने पर उच्च हिमालयी क्षेत्र का तापमान कम होने लगता है। पिछले दिनों हेमकुंड साहिब में अच्छी बर्फबारी हुई। उससे इस फूल को खिलने के लिए पर्याप्त तापमान मिल गया है।
ब्रह्मकमल को अलग-अगल जगहों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे उत्तरखंड में ब्रह्मकमल, हिमाचल में दूधाफूल, कश्मीर में गलगल और उत्तर-पश्चिमी भारत में बरगनडटोगेस नाम से इसे जाना जाता है। ब्रह्मकमल भारत के उत्तराखंड, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, कश्मीर में पाया जाता है। भारत के अलावा यह नेपाल, भूटान, म्यांमार, पाकिस्तान में भी पाया जाता है। उत्तराखंड में यह पिण्डारी, चिफला, रूपकुंड, हेमकुण्ड, ब्रजगंगा, फूलों की घाटी, केदारनाथ आदि जगहों में इसे आसानी से पाया जा सकता है।