अब नहीं बचेंगे दंगाई और पत्थरबाज़, यूपी पुलिस ने बनाई जबरदस्त स्पेशल टीम
पत्थरबाज और उपद्रवी अब नहीं बचने वाले हैं क्योंकि उनसे निपटने के लिए यूपी के हर जिले में 20 से 40 पुलिसकर्मियों की एक स्पेशल टीम बनाई गई है। सब कुछ प्लान के अनुसार चला तो अब किसी भी ऐसी घटना में पुलिस पत्थर का जवाब पत्थर से देते नज़र नहीं आएगी। इस टीम को ‘एंटी रॉयट फुल बॉडी प्रोटेक्टर’ से लैस किया गया है। पुलिस टीम इसको पहनने के बाद आसानी से पत्थरबाजों को दौड़ाकर पकड़ सकेगी।
यह प्रोटेक्टर छाती के लिए, कंधे, ऊपरी बांह, कोहनी, पेट और जांघ के बीच के हिस्से और पैर के निचले हिस्से के गार्ड से लैस होगा। इस पूरी वर्दी का वजन 6 किग्रा है। यूपी में यह पहली बार पुलिसकर्मियों को मिला है।
प्रोटेस्ट के दौरान ईंटों, कंक्रीट, एसिड बल्ब, साइकिल की चैन आदि पुलिस पर बवालियों द्वारा फेंके जाते हैं। ऐसी घटनाओं के दौरान ज्यादातर सुरक्षा कर्मियों को चेहरे, गर्दन या पैरों में मारा जाता है। पत्थरबाजी के दौरान पुलिसवालों को बचने के लिए न सिर्फ खुद छिपना पड़ता है बल्कि कई बार पुलिस भी पत्थरबाजों पर उन्हीं की तरह पत्थरबाजी से जवाब देती है। और जब तस्वीर सामने आती है तो यह तय नहीं हो पाता कि असल में पत्थरबाजी की शुरुआत किधर से हुई थी क्योंकि दोनों तरफ से लोग पत्थर फेंकते हुए कैमरों में कैद होते हैं।
अब पुलिस को पत्थर के जवाब में पत्थर न फेंकना पड़े इसके लिए गोरखपुर जोन के 11 जिलों में स्पेशल टीम की यह व्यवस्था शुक्रवार की जुमे की नमाज से ही लागू कर दी गई। हर जिले में 20 से 40 युवा पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई है जो इस एक्रूटमेंट से लैस होकर अलर्ट थे। यह टीम शुक्रवार को जुमे की नमाज को सकुशल निपटाने के लिए तैनात भी रही और पैदल मार्च भी की। जिससे जुमे की नमाज गोरखपुर सहित जोन के अन्य इलाकों में शांति पूर्वक बीता। इस टीम के बाडी प्रोटेक्टर की बनावट इस तरह है कि उपद्रवी केवल इस टीम की तैनाती देखकर ही सहम जाएंगे।
बता दें कि पहली बार इसका प्रयोग जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए किया गया था। वहां की पैरामिलिट्री और अन्य फोर्सेज यह पहनती थी। यह बुलेट जैकेट से अलग है। बुलेट प्रूफ केवल गोली और छर्रों को रोकती है। लेकिन यह कवच खासकर पत्थरों के लिए है। यह 360 डिग्री तक पुलिसकर्मी के शरीर को कवर करेगा।