सपा सरकार में शादी अनुदान की आधी रकम विचौलिये खा जाते थे: योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। सपा सरकार में सरकारी धन की लूट-खसोट पर मुख्यमंत्री ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि शादी अनुदान की राशि को भी विचौलिये खा जाते थे। हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक शादी कार्यक्रम का आयोजन करके इस लूटखसोट को बंद किया। यही नहीं गरीब कन्या की शादी में मिलने वाली बीस हजार की राशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया। प्रदेश के डेढ़ करोड़ श्रमिकों के खाते में दो महीने का भरण-पोषण भत्ता भेजते के साथ ही सफाई कर्मियों को भी इस योजना में शामिल करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के डेढ़ करोड़ से ज्यादा संगठित व असंगठित श्रमिकों को सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान भरण पोषण भत्ता देने का काम हमारी सरकार कर रही है। पहली बार श्रमिकों के बारे में चिंता करने वाली सरकार है चाहे व केन्द्र हो या प्रदेश की सरकार। 2017 के पहले श्रमिक शोषण का शिकार होता था शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता था। न राशन कार्ड होता था न कोई ठिकाना। बारिश के दिनों में भूखा रहना पड़ता था क्योंकि रसोई गैस नहीं थी। बीमार हो जाए तो संकट खड़ा हो जाता था क्योंकि उपचार की कोई व्यवस्था नहीं थी। लेकिन मोदी सरकार में सबका साथ और सबका विकास का नारा चरितार्थ हो रहा है। क्योंकि हर गरीब को स्वास्थ्य का बीमा, आवास, बिजली, शौचालय उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंती ने कहा कि तीन करोड़ 81 लाख कामगारों को इस योजना से जोड़ रहे हैं। एक करोड़ 50 लाख श्रमिकों के खातों को जांच हो चुकी है तो इन्हीं के खाते में अगले दो माह का पहले चरण में पैसा भेजा जा रहा है। सरकार ने तय किया है कि अगले चार महीने तक भरण पोषण भत्ता इन तीन करोड़ 81 लाख कामगारों को उपलब्ध करवाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाईकर्मियों को भी इस सुविधा के साथ जोड़ा जाएगा। क्योंकि कोरोना काल में इन्होंने भी बहुत सहयोग किया। सरकार सभी के जीवन और जीविका बचाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो श्रमिक खानाबदोश की जिन्दगी जी रहा है उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए सरकार अत्याधुनिक पढ़ाई कराने के लिए अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना सभी कमिश्नरी में की जा रही है। गरीब कन्याओं को शादी के लिए पैसा नहीं मिल पाता था अगर मिलता था तो शादी के दो महीने वह भी लूट खसोट के साथ। हमारी सरकार ने शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लागू की। इसमें 51 हजार रुपये शादी में देते हैं। गरीब कन्याओं के लिए 75 हजार रुपये देना प्रारम्भ किया है। पिछली सरकार में 20 हजार मेंकेवल दस हजार रुपये ही पहुंच पाते थे। आज गरीबों के बच्चों को पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई में सहयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि बढ़ई, नाऊ, मोची, हलवाई राजमिस्त्री को स्किल डेवलपमेंट करने के साथ उन्हें मानदेय और ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। कोरोना काल के अंदर प्रदेश पहला राज्य था जहां हर श्रमिक को भारतीय मजदूर संघ के मिलकर हर श्रमिक को दो लाख की सामाजिक सुरक्षा और पांच लाख रुपये का उपचार बीमा भी देने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि पहले श्रमिकों के बच्चों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था नहीं थी। बेसिक शिक्षा स्कूल भेजते थे लेकिन तब कहीं शिक्षक हैं तो स्कूल नहीं था, कहीं शिक्षक थे तो स्कूल नहीं। मिड डे मील नहीं मिल पाता था। स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता था। हमारी सरकार ने बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग टायलेट दिए, स्वेटर, मोजे जूते के साथ पढ़ाई करने के लिए कापी किताबें मुहैया कराई।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल के समय याद दिलाते हुए कहा कि दूसरे प्रदेशों से हमारे 40 श्रमिकों को वापस भेज दिया गया। हमारी सरकार ने उनको घर में काम देने का अभियान शुरू किया हुआ है। आज हालात यह हैं कि जहां से इन्हें वापस भेजा वहां के प्रदेश में उदयोग धंधे बंद हो गए हमारे यहां चालू हो गए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने तीन करोड़ लोगों को सुविधा उपलब्ध करवाई है। उन्होंने कहा कि सरकार बदलने से कितना बदलाव होता है पहले गरीबों का यही पैसा उन नेताओं के घरों को भरा जा रहा था जहां से जेसीबी चलाकर उन नोटों को निकाला जा रहा है। अब तो जो लूट मचाए थे वह स्वीकार करते हैं कि जो छापेमारी चल रही है उसे चुनाव आयोग रोके। यह साबित करता है कि चोर की दाढ़ी में तिनका। यह वह है लोग जो विकास में बाधक थे, विकास की योजनाओं को लूटते थे।