यूपी : पीएम मोदी ने किया गंगा-एक्सप्रेसवे का शिलान्यास, 36000 करोड़ रुपये की लागत से होगा तैयार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया। यह एक्सप्रेसवे करीब 594 किलोमीटर लंबा और छह लेन का है और करीब 36 हजार 200 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की लागत से बनाया जाएगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा – ‘इस एक्सप्रेसवे से यूपी के विकास का रास्ता निकलेगा। ‘’मां गंगा सारे मंगलों की, सारी उन्नति प्रगति की स्रोत हैं। मां गंगा सारे सुख देती हैं और सारी पीड़ा हर लेती हैं। ऐसे ही गंगा एक्सप्रेसवे भी यूपी की प्रगति के नए द्वार खोलेगा। आज शाहजहांपुर में ऐतिहासिक अवसर है। आज यूपी के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे पर काम शुरू हो रहा है। करीब 600 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर लगभग 36000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।”
पांच वरदान
पीएम मोदी ने कहा, ‘’ये जो आज यूपी में एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है, जो नए एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं, नए रेलवे रूट बन रहे हैं, वो यूपी के लोगों के लिए अनेक वरदान एक साथ लेकर आ रहे हैं।’’ ये वरदान हैं-
पहला वरदान- लोगों के समय की बचत।
दूसरा वरदान- लोगों की सहूलियत में बढ़ोतरी, सुविधा में बढ़ोतरी।
तीसरा वरदान- यूपी के संसाधनों का सही उपयोग।
चौथा वरदान- यूपी के सामर्थ्य में वृद्धि।
पांचवा वरदान- यूपी में चौतरफा समृद्धि।
एक्सप्रेस वे के बारे में
यह एक्सप्रेस वे मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जाएगा। एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर के अलावा अमरोहा से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली के रास्ते प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक पहुंचेगा। एक्सप्रेसवे पूरी तरह से बन जाने के बाद यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला, उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में करीब 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा। यह हवाई पट्टी वायु सेना के विमानों को आपातकालीन उड़ान भरने और उतरने में सहायता देगी। इसके अलवा एक्सप्रेस-वे के साथ एक औद्योगिक गलियारा बनाने का भी प्रस्ताव है। यह एक्सप्रेसवे 76 से होकर गुजरेगा. ऐसे में भूमि अधिग्रहण का काम तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि करीब 98 प्रतिशत भूमि को अधिग्रहीत कर लिया गया है।