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पीएम मोदी ने बलरामपुर में किया सरयू नहर प्रोजेक्ट का उद्घाटन, पांच नदियों को जोड़कर किया गया तैयार

 

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के सबसी बड़ी नहर परियोजना का उद्घाटन किया। पूर्वांचल की पांच नदियों को जोड़कर तैयार किया गया ये सरयू नहर प्रोजेक्ट पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक था। प्रोजेक्ट के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने ये कहते हुए इस प्रोजेक्ट की अहमयित बताई, कि जो प्रोजेक्ट 4 दशक से रुका पड़ा था, उसे हमने 4 साल में पूरा कर दिखाया। ये पूरा प्रोजेक्ट 9800 करोड़ रुपये में तैयार हुआ है, जो यूपी के 7 जिलों के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है।

प्रोजेक्ट के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि- ”जनरल बिपिन रावत आने वाले दिनों में अपने भारत को नए संकल्पों के साथ, वे जहां होंगे वहां से भारत को आगे बढ़ते हुए देखेंगे। देश की सीमाओं की सुरक्षाओं को बढ़ाने का काम, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान, तीनों सेनाओं में तालमेल बढ़ाने का काम तेजी से आगे बढ़ता रहेगा। भारत दुख में है। लेकिन दर्द सहते हुए भी अपनी न गति रोकते हैं और न ही हमारी प्रगति। भारत रूकेगा नहीं। भारत थमेगा नहीं।

पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्र निर्मातों और राष्ट्र रक्षकों की इस धरती से मैं आज देश के उन सभी वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि देता हूं, जिनका 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी का जाना हर भारत प्रेमी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। जनरल बिपिन रावत जी जितने जांबाज थे, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जितनी मेहनत करते थे, पूरा देश उसका साक्षी है।

बता दें कि यूपी को खासकर सात जिलों के 29 लाख लोगों को वो तोहफा दिया गया, जिसका इंतजार वो 40 साल से कर रहे थे। यूपी विधान सभा चुनाव से पहले ये पीएम की तरफ से बड़ा तोहफा माना जा रहा है। पहले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, उसके बाद काशी कॉरिडोर और अब सरयू नहर प्रोजेक्ट। इस प्रोजेक्ट से सिंचाई के लिहाज से 29 लाख किसानों को फायदा मिलेगा।

 

जिस प्रोजेक्ट का पीएम मोदी ने बलरामपुर में आज उद्घाटन किया वो 9 हजार 800 सौ करोड़ का प्रोजेक्ट है, जिसमें 4 साल में 4 हजार 600 सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इससे 14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ेगी और 29 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। प्रोजेक्ट में घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिन नदियों को जोड़ा गया है। इसमें 318 किमी लंबी मुख्य नहर और 6 हजार 600 सौ किलोमीटर लिंक नहर बनाए गए हैं। पीएमओ के मुताबिक ये प्रोजेक्ट 1978 में शुरू किया गया था और 2015 तक अधूरा रहा। 2016 में इस प्रोजेक्ट को पीएम मोदी ने कृषि सिंचाई योजना में डाला और इसके काम में तेजी आई।

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