जानिए आखिर कैसे टिका हुआ है हमारा ब्रह्मांड? बेहद रोचक है इसके पीछे की वजह
नई दिल्ली: अंतरिक्ष का 95 फीसद हिस्सा डार्क मैटर और डार्क एनर्जी से मिल कर बना है। बाकी का पांच प्रतिशत हिस्सा भौतिक पदार्थों से। इनमें ग्रह, नक्षत्र, तारे वे सभी आते हैं, जिन्हें हम देख सकते हैं। वैज्ञानिकों का मत है कि डार्क मैटर और डार्क एनर्जी ही वह कड़ी है, जिसने इस पूरे ब्रह्मांड को एक सिलसिलेवार ढंग से बांध रखा है। डार्क मैटर ऐसे पदार्थों से मिल कर बने हैं जो प्रकाश को सोख, छोड़ और परावर्तित नहीं करते। इस कारण अब तक के साधनों के बल पर इसे देख पाना संभव नहीं है।
वैज्ञानिको की मानें तो डार्क मैटर और डार्क एनर्जी ही इस ब्रह्मांड का आधार है। इन्हीं पदार्थों से पूरे ब्रह्मांड का अस्तित्व बना है। इन पदार्थों की कोई विकसित समझ हमारे पास अब तक नहीं है। इसको समझ पाने का कोई ठोस आधार भी हमें अब तक नहीं मिला है। पर इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि इन पदार्थ का अस्तित्व नहीं होता।
रिसर्च में यह पता चला है कि ग्रेविटेशनल बाइंडिंग एनर्जी जो कि ग्रहों, तारों और आकाशगंगा को स्थिर बनाये रखती है। अगर उसे कैलकुलेट किया जाए तो वह उतनी काफी नहीं होगी कि वह आकाशगंगा को थाम सके। खगोल वैज्ञानिकों को इस रिसर्च में पता चला कि ग्रेविटेशनल बाइंडिंग एनर्जी के साथ ब्रह्मांड में ग्रहों, तारों और आकाशगंगा का अन्तरजोड़ स्थापित नहीं हो सकता था। कुछ और ही अज्ञात चीज है जो इन्हें थाम रही है। वरना अब तक गुरुत्वाकर्षण कमजोर हो गया होता और सभी ग्रह, नक्षत्र तारे अपने परिक्रमा पथ से भटक गए होते।