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उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत पर CBI की आपत्ति, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

उन्नाव रेप केस के आरोपी और भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सजा निलंबित कर जमानत दिए जाने के आदेश के खिलाफ अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। जांच एजेंसी ने हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर करने का निर्णय लिया है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार, 23 दिसंबर को उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर की सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें जमानत दे दी थी। कोर्ट ने शर्त रखी थी कि सेंगर पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएंगे और न ही पीड़िता या उसकी मां को किसी तरह की धमकी देंगे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि शर्तों के उल्लंघन की स्थिति में जमानत रद्द कर दी जाएगी।

CBI और पीड़िता के परिवार ने सुरक्षा खतरे और संभावित धमकियों का हवाला देते हुए सेंगर की जमानत का विरोध किया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब CBI इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी में है। एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द SLP दायर की जाएगी।

हालांकि जमानत मिलने के बावजूद कुलदीप सिंह सेंगर अभी जेल से रिहा नहीं हुए हैं। वे दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की सजा भी काट रहे हैं। CBI ने बताया कि उसने मामले में समय पर जवाब और लिखित दलीलें दाखिल की थीं और पीड़ित परिवार ने भी लगातार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।

इस बीच, 2017 के उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता ने बुधवार, 24 दिसंबर को दिल्ली स्थित 10 जनपथ पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने न्याय की मांग दोहराई और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। पीड़िता ने कहा कि उनका संघर्ष राजनीतिक नहीं बल्कि न्याय और अस्तित्व से जुड़ा है।

पीड़िता ने यह भी कहा कि वह चाहती हैं कि सभी राजनीतिक दलों के नेता उनकी पीड़ा को समझें और यह जानें कि उनके परिवार ने वर्षों से क्या सहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलने की इच्छा जताई। मुलाकात के बाद पीड़िता ने कहा, “मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि हम किस दौर से गुजर रहे हैं। मुझे न्याय चाहिए।”

गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने सेंगर की अपील लंबित रहने तक उनकी सजा पर रोक लगाते हुए 15 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की तीन जमानतों पर रिहाई का आदेश दिया था। अब इस फैसले पर अंतिम मुहर सुप्रीम कोर्ट में लगनी बाकी है।

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