बांग्लादेश की हिंसा, अंतरिम सरकार और भारत संबंधों पर शेख हसीना का तीखा हमला

बांग्लादेश में जारी हिंसा पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गहरा दुख जताते हुए अंतरिम सरकार और उसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ईमेल इंटरव्यू में हसीना ने कहा कि उस्मान हादी की हत्या देश में फैलती अराजकता का प्रतीक है, जो उनकी सरकार के पतन के बाद और बढ़ गई है। उनके मुताबिक, हिंसा अब आम हो चुकी है और अंतरिम सरकार या तो इसे नकार रही है या इसे रोकने में विफल साबित हो रही है। इससे न केवल बांग्लादेश की आंतरिक स्थिरता प्रभावित हो रही है, बल्कि पड़ोसी देशों, खासकर भारत, के साथ रिश्तों पर भी असर पड़ रहा है।
हसीना ने कहा कि यूनुस सरकार में कट्टरपंथी प्रभाव बढ़ा है। उनके अनुसार, अंतरिम प्रशासन ने कट्टरपंथियों को कैबिनेट में जगह दी, दोषी आतंकवादियों को जेल से रिहा किया और अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से जुड़े समूहों को सार्वजनिक जीवन में भूमिका निभाने की अनुमति दी। उन्होंने चेतावनी दी कि यह रुझान भारत ही नहीं, पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए खतरा है। हसीना ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश की सेक्युलर पहचान उसकी सबसे बड़ी ताकत रही है, जिसे कुछ चरमपंथियों की वजह से कमजोर नहीं होने दिया जाना चाहिए।
भारत के नॉर्थ-ईस्ट और “चिकन नेक” को लेकर आए बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए हसीना ने इन्हें खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की समृद्धि और सुरक्षा भारत के साथ मजबूत संबंधों पर निर्भर करती है और ऐसे बयान राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हैं। उनके अनुसार, ये आवाजें बांग्लादेशी जनता का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं।
आगामी चुनावों पर हसीना ने कहा कि अवामी लीग के बिना होने वाले चुनाव, चुनाव नहीं बल्कि “ताजपोशी” होंगे। उनका आरोप है कि बिना जनादेश के शासन कर रहे यूनुस अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, जिससे लाखों लोग वोट देने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे और ऐसी सरकार के पास नैतिक वैधता नहीं होगी।
भारत में रह रही शेख हसीना ने कहा कि प्रत्यर्पण की मांगें केवल हताश अंतरिम सरकार की ओर से आ रही हैं। उन्होंने भारत की मेहमाननवाजी और भारतीय राजनीतिक दलों के समर्थन के लिए आभार जताया। बांग्लादेश छोड़ने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने खून-खराबा रोकने के लिए देश छोड़ा, न कि न्याय से डरकर। उनका कहना है कि जब बांग्लादेश में वैध सरकार और स्वतंत्र न्यायपालिका होगी, तब वे खुशी-खुशी लौटेंगी।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर हसीना ने कहा कि मौजूदा कूटनीतिक तनाव के लिए यूनुस सरकार जिम्मेदार है, जो भारत विरोधी बयानबाजी को बढ़ावा दे रही है और अल्पसंख्यकों की रक्षा में नाकाम रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि सही शासन बहाल होने के बाद दोनों देशों के रिश्ते फिर से मजबूत होंगे।
पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों पर टिप्पणी करते हुए हसीना ने कहा कि सभी देशों से अच्छे संबंध रखना जरूरी है, लेकिन बिना जनादेश के विदेश नीति में बड़े बदलाव करना गलत है। उनके अनुसार, बांग्लादेश की विदेश नीति को अंततः राष्ट्रीय हितों की सेवा करनी चाहिए, न कि अस्थायी तौर पर सत्ता में आए चरमपंथी तत्वों की।







