वायु प्रदूषण पर अखिलेश यादव का सरकार पर हमला, अरावली बचाने की जनता से अपील

लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ बंद की जाए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अखिलेश यादव ने लिखा, “लोकतंत्र में अगर इस समय मौन रही आवाम, निश्चित है हम एक दिन भोगेंगे परिणाम।
अरावली को लेकर भाजपा पर आरोप
अखिलेश यादव ने कहा कि अरावली को बचाना दरअसल खुद को बचाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि अरावली के विनाश को नहीं रोका गया तो भाजपा की अवैध खनन को वैध बनाने की साजिश और जमीन की असीम भूख देश की राजधानी को दुनिया की ‘प्रदूषण राजधानी’ बना देगी। ऐसी स्थिति में लोग दिल्ली छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे। सपा प्रमुख ने दिल्ली के लोगों के नाम एक पत्र भी लिखा। उन्होंने कहा कि “अगर अरावली बचेगी तो दिल्ली हरी-भरी रहेगी।” अरावली को बचाना कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक संकल्प होना चाहिए। उन्होंने चेताया कि अरावली के बिना एनसीआर का भविष्य सुरक्षित नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि अरावली दिल्ली और एनसीआर के लिए एक प्राकृतिक सुरक्षा कवच है। यही पर्वतमाला वायु प्रदूषण को कम करने, बारिश और जल संरक्षण में अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने यह भी कहा कि अरावली ही दिल्ली के ओझल हो चुके तारों को फिर से दिखा सकती है और पर्यावरण संतुलन बनाए रख सकती है।
तापमान और जैव विविधता की रक्षक है अरावली
उन्होंने बताया कि अरावली के कारण ही एनसीआर का तापमान नियंत्रित रहता है और क्षेत्र की जैव विविधता सुरक्षित है। सूखते वेटलैंड, गायब होते पक्षी और बिगड़ता पर्यावरण अरावली के संरक्षण से ही बचाया जा सकता है। उन्होंने इसे दिल्ली की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का अहम हिस्सा भी बताया।
प्रदूषण से अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर खतरा
अखिलेश यादव ने चेतावनी दी कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो दिल्ली के लोग स्वच्छ सांस के लिए संघर्ष करते रहेंगे। प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के विश्व प्रसिद्ध अस्पताल और मेडिकल सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं और जो लोग इलाज के लिए दिल्ली आते थे, वे अब आने से कतराने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण बढ़ता रहा तो दिल्ली उत्तर भारत के सबसे बड़े बाजार और आर्थिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान खो देगी। न विदेशी पर्यटक आएंगे, न देशी। बड़े आयोजन, खेल प्रतियोगिताएं, सम्मेलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी संभव नहीं हो पाएंगे। होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी, हस्तशिल्प और अन्य कारोबार बुरी तरह प्रभावित होंगे। अखिलेश यादव ने अंत में अपील की कि हर नागरिक, स्कूल, व्यापारी, दुकानदार और परिवार को ‘अरावली बचाओ’ अभियान का हिस्सा बनना चाहिए, क्योंकि अरावली को बचाना दिल्ली और एनसीआर के भविष्य को बचाना है।







