सेवा, आस्था और जनकल्याण का संगम बने मुख्यमंत्री भगवंत मान, जमीन पर दिख रही नेतृत्व की नई मिसाल

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान आज की राजनीति में उस नेतृत्व का प्रतीक बनकर उभरे हैं, जो सत्ता को सेवा और आस्था को जनकल्याण से जोड़ता है। उनकी कार्यशैली केवल भाषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर जमीन पर साफ दिखाई देता है। सरल स्वभाव, मानवीय मूल्यों और जनहित के प्रति समर्पण के कारण मुख्यमंत्री मान लगातार जनता का भरोसा और स्नेह हासिल कर रहे हैं। हाल के दिनों में उनके नेतृत्व में कई ऐसे जनकल्याणकारी कार्य किए गए हैं, जिनसे जरूरतमंद लोगों तक सीधी और प्रभावी मदद पहुंची है।
पिछले वर्ष नवंबर में भगवंत मान सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी दिवस के अवसर पर एक व्यापक रक्तदान अभियान की शुरुआत की। यह जीवनदायी अभियान 23 नवंबर से 25 नवंबर 2025 तक चला, जिसमें कई वरिष्ठ नेताओं और आम लोगों ने बढ़-चढ़कर रक्तदान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत का सम्मान केवल शब्दों से नहीं, बल्कि ऐसे कार्यों से होना चाहिए जो समाज के लिए उपयोगी और मानवता के हित में हों।
रक्तदान शिविर के साथ-साथ पंजाब सरकार ने एक बड़े पौधारोपण अभियान की भी शुरुआत की। इस अभियान के तहत पूरे राज्य में तीन लाख से अधिक पौधे लगाए जाने का कार्य जारी है। ऐसे समय में जब दिल्ली समेत कई इलाके गंभीर प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं, पंजाब सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहले ही ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए थे। पौधारोपण से न केवल लोगों को स्वच्छ हवा मिलेगी, बल्कि प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता में भी इजाफा होगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने धर्म को प्रकृति से जोड़ते हुए यह संदेश दिया है कि सिख परंपरा केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रकृति की रक्षा और समाज की सेवा का मार्ग भी दिखाती है। राज्यभर में बड़े पैमाने पर पौधारोपण कराकर उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी दूरदर्शी सोच का परिचय दिया है।
इसके अलावा ‘सरबत दा भला’ की भावना को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अन्नदान जैसे पुण्य कार्यों को भी प्रोत्साहित किया है। उनका मानना है कि किसी को जीवन देना, चाहे वह रक्तदान हो या भूखे को भोजन कराना, ही सबसे बड़ी सेवा और सबसे बड़ा धर्म है। इन पहलों के जरिए मुख्यमंत्री मान ने यह स्पष्ट किया है कि उनके लिए शासन का असली उद्देश्य जनकल्याण और मानवता की सेवा है।







