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हिजाब विवाद पर घिरे नीतीश कुमार, युवती के कॉलेज प्रिंसिपल का बड़ा दावा

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम युवती के चेहरे से हिजाब हटाने के मामले पर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्षी दलों ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना की है और कई जगहों पर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही है। इसी बीच, इस विवाद से जुड़ी युवती के कॉलेज के प्रिंसिपल का बयान सामने आया है, जिसने नई बहस छेड़ दी है।

पटना के तिब्बी कॉलेज के प्रिंसिपल महफूजर रहमान ने दावा किया है कि जिस डॉक्टर नुसरत प्रवीण के साथ यह घटना हुई, वह इस मामले से नाराज नहीं हैं। प्रिंसिपल के अनुसार, नुसरत की एक बैचमेट से बातचीत हुई है, जिसमें बताया गया कि नुसरत ने नौकरी न करने या ज्वाइनिंग से इनकार जैसी कोई बात नहीं कही है और वह अपनी ड्यूटी ज्वाइन करेंगी।

हिजाब विवाद से जुड़ीं डॉ. नुसरत प्रवीण की बैचमेट बिलकिस ने भी कहा है कि उन्हें जानकारी मिली है कि नुसरत शनिवार को ज्वाइन करेंगी। उन्होंने बताया कि नुसरत हमेशा परदे में रहती थीं। वहीं, कॉलेज प्रिंसिपल के मुताबिक, डॉ. नुसरत शनिवार सुबह 10 बजे पटना सदर अस्पताल में अपनी ड्यूटी संभालेंगी।

गौरतलब है कि यह विवाद बीते सोमवार को शुरू हुआ था, जब पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नव नियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र सौंप रहे थे। इसी दौरान उन्होंने नियुक्ति पत्र लेने आई एक मुस्लिम युवती के चेहरे से हिजाब हटाया था। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद व्यापक विरोध शुरू हो गया।

राजद समेत कई विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री के इस व्यवहार को असंवेदनशील और शर्मनाक बताया। समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है और मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि माफी नहीं मांगने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। हिजाब विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और यह मुद्दा अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है।

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