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कौन था भारत विरोधी नारे लगाने वाला उस्मान हादी, जिसकी मौत से फिर भड़की बांग्लादेश में हिंसा

नई दिल्ली| बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन उग्र हो गए हैं। गुरुवार रात प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की। अवामी लीग के दफ्तरों को निशाना बनाया गया, जबकि हजारों लोग अब भी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस बीच देर रात बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी तरह की अफवाहों और भ्रामक प्रचार से दूर रहें तथा जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें।

शरीफ उस्मान हादी की हत्या से बिगड़े हालात

शरीफ उस्मान हादी वर्ष 2024 में उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन की अगुवाई की थी। इस आंदोलन में उनकी अहम भूमिका रही, जिससे उन्हें न केवल बांग्लादेश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली।

12 दिसंबर को ढाका की एक मस्जिद से निकलते समय हादी को गोली मार दी गई थी। गोली उनके सिर में लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। 15 दिसंबर को बेहतर इलाज के लिए उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां सिंगापुर जनरल अस्पताल के न्यूरोसर्जिकल आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था। तमाम कोशिशों के बावजूद 18 दिसंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने गंभीर चोटों को मौत का कारण बताया। जैसे ही यह खबर बांग्लादेश पहुंची, पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई और हालात तनावपूर्ण हो गए।

इंकलाब मंच और राजनीतिक भूमिका

शरीफ उस्मान हादी शेख हसीना विरोधी संगठन ‘इंकलाब मंच’ के प्रमुख चेहरों में शामिल थे और संगठन के प्रवक्ता भी थे। वह आगामी आम चुनाव में ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और उन्होंने प्रचार भी शुरू कर दिया था। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में आम चुनाव 12 फरवरी 2026 को प्रस्तावित हैं, लेकिन उससे पहले ही देश में राजनीतिक अस्थिरता गहराती नजर आ रही है।

जुलाई 2024 के आंदोलन में उभरा इंकलाब मंच

इंकलाब मंच जुलाई 2024 में शेख हसीना सरकार के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन के दौरान चर्चा में आया था। इस आंदोलन ने तत्कालीन सरकार को कड़ी चुनौती दी और अंततः शेख हसीना को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा।

शरीफ उस्मान हादी का जन्म झलकाठी जिले में हुआ था। उनका परिवार साधारण और धार्मिक पृष्ठभूमि से जुड़ा था। उनके पिता मदरसे में शिक्षक थे, जिनसे उन्हें अनुशासन, शिक्षा और नैतिक मूल्यों की प्रेरणा मिली। हादी की प्रारंभिक शिक्षा नेसराबाद कामिल मदरसा में हुई थी।

हादी भारत विरोधी बयानों के लिए भी जाने जाते थे। वह जुलाई 2024 के आंदोलन में मारे गए लोगों के लिए न्याय और अवामी लीग पर प्रतिबंध की मांग को लेकर चल रहे आंदोलनों का प्रमुख चेहरा थे। हाल ही में उन्होंने एक विवादास्पद नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से को तथाकथित ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ के रूप में दिखाया गया था। उनके कई बयान भड़काऊ माने गए थे।

प्रदर्शनों में भारत विरोधी नारे

प्रदर्शन में ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (SAD) से जुड़े संगठन नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान भारत विरोधी नारे लगाए गए और आरोप लगाया गया कि हादी पर हमला करने वाले लोग भारत भाग गए हैं। एनसीपी नेता सरजिस आलम ने कहा कि जब तक हादी के कथित हत्यारों को भारत से वापस नहीं लाया जाता, तब तक बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग को बंद कर देना चाहिए।

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