आईएएस संतोष वर्मा के विवादित बयान पर सियासत गर्म, कड़ी कार्रवाई की तैयारी

मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के आरक्षण पर दिए गए विवादित बयान ने प्रदेश में भारी राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। सरकार की ओर से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। अजाक्स (अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ) की हालिया राज्यस्तरीय बैठक में संतोष वर्मा को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था, लेकिन इसी दौरान उन्होंने आरक्षण और जातीय संबंधों पर ऐसी टिप्पणी कर दी, जिसने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया।
विवादित टिप्पणी से भड़का बवाल
आरक्षण पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए संतोष वर्मा ने कहा कि किसी परिवार में आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए, जब तक उनके बेटे को कोई ब्राह्मण पिता अपनी बेटी न दे दे और उनके बीच ‘रोटी-बेटी’ का रिश्ता न बन जाए। इस टिप्पणी का वीडियो वायरल होने के बाद सवर्ण और ब्राह्मण संगठनों में तीखी नाराजगी फैल गई। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए और उनकी गिरफ्तारी की मांग उठी। बयान को संविधान-विरोधी बताते हुए समुदायों ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
पुराने विवाद फिर याद आए
यह पहली बार नहीं है जब आईएएस संतोष वर्मा विवादों में आए हों।उन पर प्रमोशन के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप लग चुका है। एक महिला अधिकारी की आधी रात की गिरफ्तारी को लेकर भी वे पहले भी कठघरे में खड़े हुए थे। 2012 बैच के आईएएस वर्मा इस समय कृषि विभाग में उपसचिव के पद पर तैनात हैं।
माफी मांगी, लेकिन विरोध जारी
बढ़ते विवाद के बीच संतोष वर्मा ने अपने बयान पर सार्वजनिक माफी तो मांग ली, लेकिन विरोध थमा नहीं है। ब्राह्मण संगठनों का कहना है कि माफी पर्याप्त नहीं है और अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, उच्च स्तर पर पूरे प्रकरण की समीक्षा की जा रही है और जल्द ही उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की घोषणा हो सकती है।







