मुख्यमंत्री योगी से मिलने का सपना पूरा हुआ, कानपुर की 20 वर्षीय मुखबाधिर खुशी बनी हौसले की मिसाल

कानपुर की 20 वर्षीय मुखबाधिर युवती खुशी गुप्ता ने अपने अदम्य साहस और लगन से वह कर दिखाया, जो कई लोग सोचकर ही छोड़ देते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली से प्रभावित खुशी उनके सामने मिलने की इच्छुक थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने और बार-बार मना किए जाने के बावजूद उसका सपना टूट नहीं पाया। आखिरकार उसकी जिद और हिम्मत उसे मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात तक ले गई।
अहिराने इलाके की रहने वाली खुशी लंबे समय से योगी आदित्यनाथ को आदर्श मानती है। टीवी पर मुख्यमंत्री को बच्चों से संवाद करते देखकर उसके मन में भी उनसे मिलने की इच्छा बढ़ती गई। वह कागज़ों पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की तस्वीरें बनाती और खुद भी कुछ बड़ा करने का सपना संजोए रहती। उसका लक्ष्य है कि वह पुलिस विभाग में भर्ती होकर सेवा कर सके।
परिवार की मजबूरियों और पिता कल्लू गुप्ता की आशंकाओं के चलते खुशी की यह इच्छा हर बार टल जाती थी। कई बार मना किए जाने के बाद उसने एक दिन चुपचाप घर छोड़ दिया और अकेले ही पैदल लखनऊ की ओर निकल पड़ी। राजधानी पहुँचकर वह विधानसभा भवन के बाहर जाकर बैठ गई और मुख्यमंत्री से मिलने की जिद पर अडिग रही।
पुलिसकर्मियों ने उसे हजरतगंज थाने ले जाकर सुरक्षित रखा और परिवार को सूचना दी। पिता के पहुँचने पर खुशी को वापस कानपुर भेज दिया गया, जिससे वह और अधिक निराश हो गई। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उसकी जिंदगी में बड़ा मोड़ आया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से फोन आया और खुशी व उसके परिवार को लखनऊ बुलाया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुशी से मुलाकात की, उसकी कहानी सुनी और उसके चिकित्सा उपचार, शिक्षा तथा भविष्य में पुलिस विभाग में नौकरी में सहायता का आश्वासन दिया। साथ ही पिता को भी बेटी के सपनों को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर माहौल देने की सलाह दी। लखनऊ से लौटने के बाद खुशी बेहद खुश है और लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना कर रही है। उसकी यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि हौसला और विश्वास हो तो सपनों तक पहुँचने का रास्ता जरूर मिलता है।






