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सैफई में अखिलेश यादव के चचेरे भाई आर्यन यादव की भव्य शादी, लद्दाख की सुप्रीम कोर्ट वकील सेरिंग बनी दुल्हन

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई आर्यन यादव का विवाह मंगलवार को सैफई में संपन्न हुआ। बारात का नेतृत्व भाभी डिंपल यादव ने किया, जिसमें पूरा यादव परिवार एक साथ नजर आया।

निर्माणाधीन इंटर कॉलेज परिसर में बनाए गए 600 फीट लंबे भव्य मंच पर आर्यन ने लद्दाख निवासी और सुप्रीम कोर्ट की वकील सेरिंग को जयमाला पहनाई। विवाह के बाद दोनों ने मंच से हाथ जोड़कर परिजनों और अतिथियों से आशीर्वाद लिया। इसी दौरान ताऊ रामगोपाल यादव ने दूल्हे से पैर छूकर आशीर्वाद लेने की सलाह दी, जिस पर आर्यन और सेरिंग मुस्कुरा उठे। इसके बाद उन्होंने रामगोपाल यादव, शिवपाल यादव, अखिलेश यादव समेत अन्य वरिष्ठ परिजनों के पैर छुए। समारोह में अफजाल अंसारी और मोहिबुल्लाह नदवी सहित सपा के सभी सांसद, विधायक और कार्यकर्ता शामिल हुए। योगी सरकार में मंत्री दिनेश सिंह भी शादी में पहुंचे, जिनका अखिलेश यादव ने स्वागत किया।

शादी में लगभग 50 हजार लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई, जिसमें इटावा की शुद्ध मठई के आलू, पनीर छोले, इमरती, काला जाम समेत लगभग 10 व्यंजन शामिल रहे। यह सब भोजन दिल्ली, फिरोजाबाद और लखनऊ के कारीगरों ने मिलकर तैयार किया। 1500 वीआईपी मेहमानों के लिए विशेष व्यंजन अलग से बनाए गए। लद्दाख से आए दुल्हन पक्ष के लोगों के लिए होटल से खाना मंगाया गया।

दूल्हा-दुल्हन का परिचय

आर्यन, मुलायम सिंह यादव के तीसरे भाई स्वर्गीय राजपाल यादव के बेटे हैं। उनके बड़े भाई अभिषेक यादव उर्फ अंशुल इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी मां प्रेमलता यादव भी इसी पद पर रह चुकी हैं। आर्यन की प्रारंभिक शिक्षा इटावा में हुई। बाद में उन्होंने डीपीएस नोएडा से माध्यमिक शिक्षा, दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर्स और इंग्लैंड की कार्डिफ यूनिवर्सिटी से बीएससी (बिजनेस) किया। 2019 में उन्होंने सिडनी यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ कॉमर्स पूरा किया, वही विश्वविद्यालय जहां अखिलेश यादव ने भी उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।

दुल्हन सेरिंग के पिता रिंगजन अंगचुक लद्दाख के प्रसिद्ध ठेकेदार हैं। सेरिंग सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत करती हैं। दोनों की सगाई 15 दिसंबर 2024 को दिल्ली में हुई थी। पहले विवाह मार्च 2025 में निर्धारित था, लेकिन जनवरी में आर्यन के पिता के निधन के बाद तारीख आगे बढ़ा दी गई। दुल्हन पक्ष के लोग तीन दिन पहले ही सैफई पहुंच गए थे और सभी पारंपरिक रस्में धूमधाम से आयोजित की गईं। हल्दी और भात की रस्मों में अखिलेश व डिंपल ने बड़े भाई-भाभी की जिम्मेदारी निभाई। लद्दाख से उनके लिए विशेष परिधान भी भेजे गए थे।

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