अयोध्या में आज राम मंदिर के शिखर पर फहरेगा दिव्य धर्म ध्वज, अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी करेंगे ध्वजारोहण

अयोध्या आज एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने जा रही है। 25 नवंबर को भव्य श्रीराम मंदिर के शिखर पर पवित्र केसरिया धर्म ध्वज की स्थापना की जाएगी। इस शुभ अवसर पर पूरी रामनगरी दुल्हन की तरह सजी हुई है। रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाती अयोध्या में उत्साह और भक्ति का वातावरण चरम पर है। देशभर से लाखों राम भक्त इस ऐतिहासिक घड़ी का साक्षात्कार करने पहुंचे हैं। राम मंदिर के पूर्ण निर्माण के बाद अब मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने का पावन अनुष्ठान किया जाएगा। इस समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचेंगे और निर्धारित अभिजीत मुहूर्त में ध्वजारोहण करेंगे। शास्त्रों के अनुसार यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है।
अभिजीत मुहूर्त में होगा ध्वजारोहण
धर्म ध्वज की स्थापना अभिजीत मुहूर्त में की जाएगी, जिसका शुभ समय सुबह 11:52 बजे से शुरू होकर 12:35 बजे तक रहेगा। लगभग 43 मिनट का यह समय ध्वजारोहण के लिए अत्यंत मंगलकारी माना गया है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम का जन्म भी अभिजीत मुहूर्त में हुआ था, इसलिए इस मुहूर्त का विशेष महत्व है।
विशेष समारोह की तैयारियां और ध्वज का स्वरूप
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि 11:50 बजे मंदिर के विशाल शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा। इस अवसर पर पीएम मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।
ध्वज पर कोविदार वृक्ष का चिन्ह, सूर्य और ‘ॐ’ का अंकन किया गया है। यह 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा तिकोनी भगवा पताका है, जो त्याग और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है। देश-विदेश में लाखों लोग इस दृश्य को लाइव देख सकेंगे।
धर्म ध्वज का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
तोताद्री मठ के जगद्गुरु स्वामी अनंताचार्य ने कहा कि मंदिर पर ध्वजा न केवल पवित्र स्थान की पहचान होती है, बल्कि यह ऊंचे आदर्श और आध्यात्मिक शक्ति का भी प्रतीक है। ध्वज मंदिर की ऊर्जाओं को सात्विक बनाए रखता है और देवशक्ति को निरंतर सक्रिय करता है।
सनातन परंपरा में माना जाता है कि बिना धर्म ध्वज के मंदिर पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है और पूजा-अर्चना का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता। इसलिए सभी मंदिरों में ध्वज स्थापना को अनिवार्य माना गया है। जिस प्रकार राष्ट्रध्वज देश का गौरव बढ़ाता है, उसी प्रकार धर्म ध्वज मंदिरों का आध्यात्मिक वैभव बढ़ाता है। अयोध्या में आज का यह क्षण केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के गौरव का प्रतीक बनकर इतिहास में दर्ज होने जा रहा है।







