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कौशांबी के म्योहर गांव में इलाहाबाद विवि के छात्रों का जनजागरूकता कार्यक्रम, पौधरोपण से लेकर स्वास्थ्य शिक्षण तक अनेक गतिविधियां

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आई. क्यू. ए. सी. प्रकोष्ठ , आउटरीच गतिविधि प्रकोष्ठ , तथा मानवविज्ञान विभाग , इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनाँक 21/11/2025 को स्नातक, परास्नातक के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों और शिक्षकों के 45 सदस्यीय संयुक्त दल ने कौशांबी जिले की म्योहर ग्राम पंचायत में वृहत स्तर पर द्वितीय चरण की आउटरीच गतिविधियों और जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की परम आदरणीय कुलपति महोदया माननीया प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की प्रबुद्ध प्रेरणा और मार्गदर्शन से प्रेरित, इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा पूर्णतया वित्तपोषित इस आउटरीच कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने गाँव के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के हाथों से नीम के पौधे रोपित करवाकर आउटरीच गतिविधि का प्रारंभ किया।

तत्पश्चात विभागाध्यक्ष प्रो. राहुल पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली आउटरीच गतिविधियों के उद्देश्यों से ग्रामवासियों को अवगत कराया और कहा कि “वर्तमान समय में विश्वविद्यालयों की भूमिका केवल ज्ञान–प्रदाय तक सीमित नहीं रह गई है अपितु वे समाज के समग्र विकास के दायित्व से भी प्रत्यक्षतः जुड़े हैं। म्योहर ग्राम सभा में मानवविज्ञान विभाग द्वारा संचालित यह आउटरीच कार्यक्रम इसी व्यापक दृष्टि का मूर्त रूप है। हमारे विद्यार्थी ग्रामीण समुदाय के लोगों के मध्य जाकर स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण एवं जल संरक्षण, मानसिक स्वास्थ्य, वृक्षारोपण, स्वरोजगार और कंप्यूटर शिक्षा की अनिवार्यता जैसे मूलभूत प्रश्नों पर तथ्य आधारित जानकारी साझा करेंगे तथा स्थानीय संदर्भों को समझते हुए संवाद स्थापित करेंगे।

यह पहल केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं अपितु इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा “समुदाय साझेदारी” की दिशा में एक गंभीर एवं व्यवस्थित प्रयास है जो आगे चलकर अनुसंधान, नीति–निर्माण और व्यवहारिक हस्तक्षेपों के लिए महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता है कि ऐसे कार्यक्रमों को निरंतरता दी जाए ताकि उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थी समाज के वंचित एवं हाशिए पर स्थित समूहों तक सार्थक रूप से पहुँच बना सकें और सामाजिक न्याय, समानता तथा मानवीय गरिमा के मूल्यों को व्यवहारिक रूप में सुदृढ़ किया जा सके।”उन्होंने यह भी बताया कि कैसे जमीनी स्तर पर किये गए इस तरह के छोटे-छोटे प्रयास वृहत स्तर पर सामाजिक परिवर्तनों के वाहक बनते हैं और एक स्वस्थ- सुदृढ़ समाज की स्थापना करते हैं।

मानवविज्ञान विभाग के शिक्षक डॉ. शैलेन्द्र मिश्र ने कहा कि “मानवविज्ञान की विशेषता यही है कि हम सीधे समुदाय के बीच जाकर उनकी चुनौतियों, धारणाओं और व्यवहार को समझते हैं। म्योहर ग्राम सभा में विद्यार्थियों ने जिस संवेदनशीलता के साथ लोगों से संवाद स्थापित किया, वह अत्यंत सराहनीय है। विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और महिला-शिशु स्वास्थ्य के मुद्दों पर खुले मन से बातचीत होना स्वयं में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है।

मानवविज्ञान विभाग के पी. डी.एफ. डॉ. संजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि “आज के समय में कौशल विकास, स्वच्छता, जल संरक्षण और बीमारी से बचाव जैसे विषय केवल पुस्तकों के अध्याय नहीं बल्कि दैनिक जीवन की अनिवार्य जरूरत हैं। विद्यार्थियों ने म्योहर ग्राम सभा में जो गतिविधियाँ कीं उनसे ग्रामीणों को व्यवहारिक स्तर पर बहुत उपयोगी जानकारी मिली। वृक्षारोपण, सफाई अभियान और जल संरक्षण स्वरोजगार पर दिए गए संदेश यदि रोज़मर्रा की आदतों में बदलते हैं तो यह कार्यक्रम वास्तव में सफल कहा जाएगा। हमें विश्वास है कि इस तरह के प्रयास ग्रामीण समाज में दीर्घकालिक सकारात्मक बदलाव लाएंगे”

 

द्वितीय चरण की आउटरीच गतिविधियों में मुख्य रूप से कौशल विकास, स्टार्टअप, कंप्यूटर शिक्षा, साफ–सफाई एवं स्वच्छता जागरूकता, मानसिक स्वास्थ्य एवं मानसिक तनाव प्रबंधन, वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण एवं जल स्रोतों की सुरक्षा, महिला एवं शिशु स्वास्थ्य, बीमारियों से बचाव एवं टीकाकरण संबंधी जागरूकता हेतु कार्यक्रम किये गये। विद्यार्थियों ने म्योहर ग्राम सभा के विभिन्न टोलों- मोहल्लों में जाकर समूह चर्चा, पोस्टर प्रदर्शन, नुक्कड़ नाटक, नारे, रैली, परामर्श सत्र तथा प्रश्नोत्तर आधारित संवाद के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। विशेष रूप से महिलाओं, युवाओं एवं किशोर-किशोरियों को मानसिक तनाव, पौष्टिक आहार, स्वच्छ पेयजल, व्यक्तिगत स्वच्छता, टीकाकरण, प्रसवपूर्व एवं प्रसवोत्तर देखभाल जैसे विषयों पर जानकारी दी गई तथा वैज्ञानिक जानकारियों के प्रचार-प्रसार हेतु पैम्फलेट वितरित किये गए।

इस कार्यक्रम को मानवविज्ञान विभाग के स्नातक, परास्नातक और शोध छात्रों का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ जिसमें नुक्कड़ नाटक की टीम के रूप में किशन दास, सैय्यद शाह हसन, सैफुल्ला, अंशुमान शुक्ल ने स्वरोजगार और कौशल विकास पर सराहनीय प्रस्तुति की वहीं डिमांस्ट्रेशन और पोस्टर प्रदर्शन की कड़ी में अनुष्का पाण्डेय, काजल सिंह, माही जायसवाल, विश्वास सिंह, शिवा पाण्डेय, अंशुल सिंह ने अद्भुत संवाद स्थापित कर ग्रामवासियों को जागरूक किया। कार्यक्रम में विभाग के अन्य अनेक विद्यार्थियों ने भी अलग-अलग गतिविधियों में अपनी सहभागिता की जिसमें कशिश प्रिया, वर्षिणी, शिप्रा सिंह, निरुपमा, उर्वशी, स्मृति यादव, साक्षी शुक्ला, फातिमा, माही सिंह, अंशुल सिंह, रिया सिंह, शीतल भारती, प्रतिभा, रूपेश कुमार झा, अनुश्री पाण्डेय, शुभम यादव,अवंतिका, वंशिका, कशिश गुप्ता, जूसी रानी, पम्मी जायसवाल, शिवांग गोंड , आंशिक मौर्या,रचित, प्रखर, प्रियांशु, शिखा मौर्या, डी आशुतोष, अनूप चौबे, ऋषभ पाण्डेय एवं शोध छात्र के रूप में चंचल सिंह, करिश्मा सिंह, हर्ष पाण्डेय, भुवनेश सिंह ने योगदान दिया। विभाग की महिला कर्मी के रूप में अमिता यादव ने अपना सहयोग दिया।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सब से महत्वपूर्ण भूमिका ग्राम वासियों की रही। पंचायत सचिव संदीप सिंह और प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार और वहाँ की सभी शिक्षिकाओं का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राहुल पटेल ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की तरफ़ से ग्रामीणों का उनके सहयोग हेतु आभार प्रकट किया और तत्पश्चात कार्यक्रम का समापन किया गया।

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