अखिलेश यादव ने SIR की समय सीमा बढ़ाने की मांग की, दालमंडी में हो रही कार्रवाई को बताया ‘राजनीतिक विध्वंस’

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की अवधि बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राज्य में सबसे अधिक शादियां हो रही हैं, ऐसे में SIR की डेडलाइन बढ़ाई जानी चाहिए ताकि अधिकतम लोग अपनी मतदाता सूची से जुड़े कार्य निःशंक होकर पूरा कर सकें। अखिलेश यादव ने साफ किया कि पार्टी को SIR से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसका समय बढ़ना जरूरी है ताकि मतदाता सूची अधिक सटीक बन सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा SIR के बहाने मतदाता सूची में गड़बड़ी कर सकती है, जैसा कि बिहार चुनाव में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि कई सीटों पर RJD को हार का सामना करना पड़ा क्योंकि उन इलाकों में बड़ी संख्या में मतदाता SIR प्रक्रिया में हटाए गए थे। अखिलेश ने चुनाव आयोग और सरकार से मांग की कि वोटर आईडी और आधार कार्ड ऐसे बनाए जाएं जिनकी नकल संभव न हो। उन्होंने सुझाव दिया कि मेटल कार्ड जारी किए जाएं जो फर्जी न बन सकें।
अखिलेश ने यह भी कहा कि जिस चुनावी साजिश का खुलासा बिहार में हुआ, अब वही खेल अन्य राज्यों—पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश में नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘PDA प्रहरी’ यानी ‘पीपीटीवी’ की तरह सतर्क रहकर भाजपा की किसी भी चुनावी चाल को नाकाम किया जाएगा।
दालमंडी क्षेत्र में तोड़-फोड़ का विरोध
लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने वाराणसी के ऐतिहासिक दालमंडी क्षेत्र में चल रहे चौड़ीकरण अभियान को “राजनीतिक विध्वंस” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस कार्रवाई के नाम पर उन इलाकों को निशाना बना रही है जो उसे वोट नहीं देते।
उन्होंने कहा कि सरकार के विरासत संरक्षण के दावे भ्रामक हैं और यह कार्रवाई सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि दालमंडी व्यापारियों को डराने और समुदायों को बांटने के लिए राज्य की शक्ति का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस कार्रवाई को तुरंत रोका जाए।







