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बिजनौर की डीएम जसजीत कौर पर अवमानना का जमानती वारंट, हाईकोर्ट ने 5 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की डीएम जसजीत कौर के खिलाफ प्रयागराज हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि डीएम को 5 जनवरी 2026 को हर हाल में अदालत में उपस्थित किया जाए। यह कार्रवाई धनगर समाज के विक्रम सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई।

डीएम पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी जांच के विक्रम सिंह का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया, जिससे उनके खिलाफ मामला गंभीर हो गया। कोर्ट ने कहा कि पहले दिए गए आदेशों की अनदेखी गंभीर उदासीनता का मामला है।

कोर्ट में अनुपस्थित रहने पर नाराजगी

जस्टिस मनीष कुमार की बेंच डीएम के व्यक्तिगत रूप से उपस्थित न होने से नाराज हुई। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी के माध्यम से जवाब भेजा था, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर सख्त टिप्पणी की। इसके बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले डीएम को अनिवार्य रूप से उपस्थित करने का आदेश जारी कर दिया।

क्या है पूरा मामला?

धामपुर के निवासी विक्रम सिंह धनगर का जाति प्रमाण पत्र उनके रिटायरमेंट से मात्र आठ दिन पहले निरस्त कर दिया गया था। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने डीएम को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और समाज कल्याण विभाग की विजिलेंस जांच के आधार पर मामले का निस्तारण करने का निर्देश दिया था।

आरोप है कि डीएम जसजीत कौर ने इन निर्देशों का पालन किए बिना एकतरफा आदेश जारी कर दिया। इसके बाद विक्रम सिंह ने अवमानना याचिका दाखिल की। अदालत ने डीएम को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने को कहा था, लेकिन उन्होंने दूसरे अधिकारी के जरिए जवाब भेजा। इस पर असंतोष जताते हुए हाईकोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर दिया और अगली सुनवाई में पेशी अनिवार्य कर दी है।

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