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गांधी मैदान में फिर गूंजेगी सत्ता की शपथ, नीतीश कुमार गुरुवार को लेंगे मुख्यमंत्री पद

एनडीए विधायक दल के नेता नीतीश कुमार गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बिहार की राजनीति में गांधी मैदान का विशेष और ऐतिहासिक महत्व रहा है। यह वही स्थल है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन के दौर से लेकर आधुनिक बिहार की राजनीतिक संरचना तक कई निर्णायक क्षणों को जन्म लेते देखा है। राज्य की राजनीति में यह मैदान प्रतीकात्मक महत्व के साथ-साथ लोकतांत्रिक परंपराओं का भी केंद्र रहा है।

शपथ ग्रहण का ऐतिहासिक स्थल

गांधी मैदान मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोहों का प्रमुख स्थान रहा है। यहां अब तक चार बार नई सरकारों ने शपथ ली है। इनमें तीन मौकों पर नीतीश कुमार ने और एक बार लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ इसी मैदान में ग्रहण की थी। गांधी मैदान में हुए प्रमुख शपथ ग्रहण समारोह नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी वर्ष 2015 वर्ष 2010 वर्ष 2005
लालू प्रसाद यादव ने गांधी मैदान में शपथ ली थी वर्ष १९९० स्वतंत्रता आंदोलन से आज तक राजनीतिक केंद्र

गांधी मैदान न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों का केंद्रीय मंच रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने यहां कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम किए। इसी मैदान से जयप्रकाश नारायण का ‘संपूर्ण क्रांति आंदोलन’ गति पकड़कर राष्ट्रीय स्वरूप में उभरा। सत्ता परिवर्तन, बड़े राजनीतिक संदेश और लोकतांत्रिक अभिव्यक्तियों का प्रतीक बन चुका यह मैदान आज भी बिहार की राजनीति का धड़कता केंद्र है। गुरुवार को एक बार फिर यही ऐतिहासिक मैदान नई सरकार के गठन का साक्षी बनेगा।

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